Manipur : एक्शन में सेना, अमित शाह ने संभाला मोर्चा

मैतेई और कुकी समुदायों ने गृह मंत्री के दौरे का किया स्वागत  

 कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर राज्य में शांति बहाली की मांग की

ममता सिंह

मणिपुर में हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी बात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्वयं मणिपुर पहुंच कर हालात की समीक्षा करनी पड़ रही है। वह यहां पर कुकी-मैतेई समुदाय के प्रतिनिधियों से भी बात करेंगे। वहीं, आर्मी चीफ मनोज पांडे भी शाह से पहले ही वहां पहुंच चुके थे। हिंसा को बढ़ावा देने की कोषिष में जुटे हथियारबंद उग्रवादियों की खोज में सेना उतार दी गई है जो सुबह से रात तक मिषन में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर, मणिपुर के ताजा हालात को लेकर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और राज्य में शांति बहाली की मांग की।

राज्य में हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हाल ही में लोगों सामान्य स्थिति लाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए क्षेत्र में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की तैनाती भी कर दी गई है। मालूम हो कि मणिपुर में गत तीन मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 75 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है इसमें पांच पुलिसकर्मी भी शामिल हैं हालांकि, कई जिलों में सेना की तैनाती कर दी गई है।

हिंसा के बाद अमित शाह का पहला दौरा

राज्य में तीन मई से शुरू हुई हिंसा के बाद अमित शाह का यह पहला मणिपुर दौरा है। सवाल यह है कि यह दौरा एक-दो दिन का नहीं, बल्कि पूरे चार दिनों का है। इस दौरान हिंसा के बाद की स्थिति का आकलन करने और शांति बहाल करने के कई दौर की बैठकें होने की उम्मीद है। नेताओं के साथ बैठक और हालात का जायजा लेने के बाद शाह बुधवार यानी कल दोपहर में मीडिया से बात भी कर सकते हैं जिसमें वो हिंसा को कंट्रोल करने और शांति बहाली के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

कांग्रेसियों ने राष्ट्रपति को सौंपा का एक्शन प्लान 

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला और चार पन्ने की रिपोर्ट सौंप कर राज्य में शांति बहाली की मांग की।कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में  3 मई से हिंसा हो रही है और बीजेपी को इसकी कोई परवाह नहीं है। क्योंकि बीजेपी का सारा ध्यान कर्नाटक चुनाव में था। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 12 प्वाइंट्स में एक्शन प्लान बनाकर उन्हें सौंपा है, जिसे यदि फॉलो किया जाए तो राज्य में हिंसा को रोका जा सकता है।

25 हथियारबंद उग्रवादी पकड़े

बीते दिनों मणिपुर में भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों ने 25 से ज्यादा उपद्रवियषें को पकड़ा है, जिनके पास से हथियार, गोला बारूद और ग्रेनेड बरामद किए गए हैं। सभी को मणिपुर पुलिस को सौंप दिया गया है। रक्षा बलों के एक प्रवक्ता ने बताया कि इंफाल घाटी में और उसके आसपास गोलीबारी और झड़पों की ताजा घटनाओं के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके पास से हथियार जब्त किए गए हैं।

बहरहाल, मैतेई और कुकी दोनों समुदायों ने अमित शाह के दौरे का स्वागत किया है। उन्हें उम्मीद है कि शाह चर्चा के लिए संघर्षरत मैतेई और कुकी समुदायों को एक साथ ला सकते हैं।इन समुदायों को सुरक्षा का आश्वासन दिया जाएगा और हथियार डालने के लिए कहा जाएगा ताकि बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाया जा सके। क्योंकि हम सभी चाहते हैं कि मणिपुर शांत हो लेकिन वहां की समस्याओं का स्थायी समाधान भी किया जा सके।

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