बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धरमैया और उनकी सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के 18 दलों के नेता एक मंच पर नजर आए और यहां से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सिद्धरमैया के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी शपथ ली, जो राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री बने हैं।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खचाखच भरे कांतीरवा स्टेडियम में सबकी निगाहें मंच पर इसलिए बार-बार जा रही थीं कि वहां देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और विपक्ष शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। वे एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे। विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर विजयी मुद्रा में ऊपर उठाया और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। कुछ ऐसा ही दृश्य पांच साल पहले बेंगलुरु में एच डी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भी देखने को मिला था।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, जद (यू) के अध्यक्ष ललन सिंह, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया।