मुंबई। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर से कथित तौर पर संपर्क रखने वाले पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी ने भारतीय वायुसेना के कार्पोरल रैंक के एक कर्मचारी से भी संपर्क साधा था। महाराष्ट्र एटीएस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कथित तौर पर ‘हनीट्रैप’ में फंसाए जाने के बाद गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में कुरुलकर को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य का आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या इसका कुरुलकर मामले से कोई संबंध है।
एटीएस ने बेंगलुरु इकाई में स्थित भारतीय वायुसेना के कर्मी की पहचान की है और उसका बयान दर्ज किया गया है। एटीएस अधिकारी ने कहा कि उसे मामले में गवाह बनाया जाएगा।
प्रथम दृष्टया, भारतीय वायुसेना के कर्मचारी से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल किया गया इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पता वही था जो कुरुलकर से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
पुणे में डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला के निदेशक कुरुलकर को एटीएस ने तीन मई को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने कहा कि पुणे की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कुरुलकर को 29 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद उन्हें यरवदा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया।
विशेष अदालत ने सोमवार को अभियोजन पक्ष के यह कहने के बाद कि उनके मोबाइल फोन का विश्लेषण करने की जरूरत है, उनकी पुलिस हिरासत मंगलवार तक बढ़ा दी थी। एटीएस के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि डीआरडीओ के वैज्ञानिक कथित तौर पर व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए एक पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में थे।
अभियोजन पक्ष ने पहले अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने एक फोन जब्त किया था जिस पर एक पीआईओ (भारतीय मूल का व्यक्ति) एजेंट ने भारतीय नंबर का उपयोग करके कुरुलकर को संदेश भेजा था। कुरुलकर ने कथित तौर पर राजनयिक पासपोर्ट पर पांच से छह देशों की यात्रा की थी और अभियोजन पक्ष जानना चाहता था कि उन यात्राओं के दौरान वह किन लोगों से मिले थे।