यूपीईएस फैकल्टी ने यूनाइटेड नेशन के ग्लोबल एसटीआई फोरम 2023 में पोस्ट कोविड रिकवरी के लिए एसटीआई फोरम की भूमिका के बारे में बताया
देहरादून। मल्टीडिसप्लनेरी यूनिवर्सिटी यूपीईएस ने अमृता विश्व विद्यापीठम और वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर एसडीजी (एसटीआई फोरम) के लिए आठवें वार्षिक मल्टी-स्टेकहोल्डर फोरम ऑन साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन में नॉलेज पार्टनर के रूप में भाग लिया।
यूनिवर्सिटी, भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के CRRC कार्यक्रम का भागिदार भी रहा है।
डॉ. नीलू ज्योति आहूजा, सिस्टमिक्स विभाग की प्रोफेसर और क्लस्टर प्रमुख, कंप्यूटर साइंस स्कूल ने नॉलेज पार्टनर और कार्यक्रम के भागिदार के रूप में यूपीईएस का प्रतिनिधित्व किया। डॉ. नीलू इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व, प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर के तौर पे कर रही है। इस दौरान उन्होंने साइंस और टेक्नोलॉजी के माध्यम से पोस्ट-कोविड सामाजिक-आर्थिक रिकवरी के लिए कम्युनिटी रिसोर्स सेंटर्स(सीआरआरसी) की भूमिका के बारे में बताया।
कई टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन के लिए 2022 एक महत्वपूर्ण वर्ष था। इसके साथ, STI फोरम 2023 का थीम भी इस बात पे ज़ोर दे रहा था कि कैसे इन इनोवेशन को COVID-19 महामारी से उबरने में इस्तेमाल किया जाए और विकास के सभी स्तरों पर 2030 एजेंडा को पूरी तरह से लागू करने के लिए इन इनोवेशंस का लाभ उठाया जा सकता है। डॉ. आहूजा ने डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और सुश्री शोको नोडा, यूएनडीपी रेजिडेंट रिप्रेजेन्टेटिव इंडिया के साथ मंच साझा किया।
डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के साथ मिलकर इस पूरे दिन चलने वाली वर्चुअल साइड इवेंट का आयोजन किया,| इसमें कम्युनिटी के लिए अच्छी आजीविका और बेहतर रेसिलिएंस के लिए सीआरआरसी स्थापित करने में भारत के वैचारिक थॉट लीडरशिप को प्रदर्शित किया गया।
फोरम का आयोजन ECOSOC की अध्यक्षा लचेज़रा स्टोएवा ने दो नियुक्त सह-अध्यक्ष मिस मथु जोयिनी, राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण अफ्रीका की स्थायी प्रतिनिधि और श्री थॉमस वुड्रॉफ़, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सोशल कौंसिल में यूनाइटेड किंगडम के राजदूत के साथ किया था।
डॉ श्रीवरी चंद्रशेखर, सचिव, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार ने कहा “ साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन इस तरह के कम्युनिटी रेसिलियंस के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साइंस के विभिन्न क्षेत्र नयी जानकारी देते है जो कम्युनिटी रेसिलियंस लाने के लिए तरीको की समझ में सुधार करता है। नई मार्केट-रेडी टेक्नोलॉजी आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रेसिलियंस बढ़ाने के लिए नए नाते अवसर पैदा करती हैं, और इनोवेशन गैर-पारंपरिक तरीको से उनके प्रयासों को एकजुट करने और कम्युनिटी रेसिलियंस के लिए अपने संसाधनों को एक साथ ला सकता है,”।
“डॉ नीलू ज्योति आहूजा, प्रोफेसर और क्लस्टर प्रमुख विभाग, सिस्टमिक्स, यूपीईएस स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस ने कहा “कोविड -19 के साथ कठोर अनुभव ने इस तरह के संकटों का सामना करने और इसके प्रभाव से लड़ के वापस आने के लिए दीर्घकालिक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रेसिलियंस बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। एक इनोवेशन-फोकस्ड संस्थान के रूप में, हम अपनी विभिन्न परियोजनाओं और प्रोजेक्ट सखी, एकलव्य, आयुष्मान, और नारायणी जैसी पहलों के माध्यम से रिकवरी में तेजी लाने और बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं” उन्होंने आगे बताया की “स्थायी समाज बनाने के लिए, यूपीईएस सृजन नामक एक अनोखी सामाजिक इंटर्नशिप कार्यक्रम भी चलाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य भविष्य के अच्छे और कुशल लीडर्स का निर्माण करना है। परिवर्तन की दिशा में काम करने और लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए, छात्र विभिन्न सामुदायिक मुद्दों को हल करने के लिए स्माइल, टीच फॉर इंडिया, एंड पॉवर्टी, एजुकेट गर्ल्स और अन्य जैसे 1100 से अधिक सामाजिक क्षेत्र के संगठनों के साथ काम कर रहे हैं”।
एसटीआई फोरम 2023 ने वैज्ञानिक उपकरणों के विकास के लिए एडवांस कोलबोरेटिव ग्लोबल रिसर्च प्लेटफार्मों के निर्माण के लिए समुदाय-केंद्रित इनोवेशन को सक्षम करने पर जोर दिया, जो नई और उभरती चुनौतियों का समाधान करके एक रेसिलिएंट ग्रह विकसित कर सके।
आधिकारिक नॉलेज पार्टनर के रूप में, यूपीईएस ने संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और रिसर्च पहलों के माध्यम से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के उपयोग को आगे बढ़ाने में अपनी रुचि का प्रदर्शन किया।