देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ मीडिया पैनलिस्ट राजीव महर्षि ने उत्तराखंड सरकार से सवाल किया है कि प्रधानमंत्री के मन की बात के सामूहिक श्रवण से प्रदेश को आखिर मिला क्या है? उन्होंने कहा कि इस आयोजन को लेकर टैक्सपेयर के पैसे को जिस तरह उड़ाया गया, गांव से लेकर प्रदेश तक धुंआधार प्रचार किया गया, स्कूलों में बच्चों के अवकाश को छीना गया, सरकारी मशीनरी को झोंका गया, आखिर उसका प्रतिफल क्या रहा? उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस इवेंट से आखिर सरकार की उत्पादकता कितनी बढ़ी और प्रदेश की जनता का कितना भला हुआ?
श्री महर्षि ने कहा कि इस सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद जनता को सिर्फ जख्म मिले हैं, अंकिता हत्याकांड हो या भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी हो हर मामले में जनता और नौजवान ठगी के शिकार हुए हैं। प्रदेश की आर्थिकी के लिए आधार मानी जाने वाली चारधाम यात्रा का भी प्रदेश सरकार ठीक से संचालन नहीं कर पा रही है जबकि मन की बात जैसे तमाशे के लिए सारी मशीनरी का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है।उन्होंने सलाह दी की जो संसाधन इस कार्य के लिए लगाए गए यदि वो ही संसाधान चारधाम यात्रा में लगाए जाएं तो देश विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
महर्षि ने कहा कि पौड़ी में नरभक्षी बाघ के आतंक के साए में जीने के लिए लोग अभिशप्त हैं, सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, अस्पतालों में चिकित्सकों का अभाव है। पहाड़ के लोग हताश, निराश हैं सरकार को इन सब बुनियादी बातों की ओर अपना ध्यान लगाना चाहिए। उन्होंने कहा सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट के लिए लोगों ने सरकार को जनादेश नहीं दिया था, उसे अपना राजधर्म नहीं भूलना चाहिए।