केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के प्रदर्शन पर गुरूवार को कहा कि मैने अपना हिमाचल दौरा रद्द करके पहलवानों से बात की, उनकी हर बात सुनी और समिति बनाई गई जिसकी 14 बैठकें हुई। ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है और उसमें हमने कभी कोई समझौता ना पहले किया और ना ही आगे करेंगे।
इसके इतर प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा,‘‘पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है।”
आईओए ने कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये चुनाव होने तक एक तदर्थ समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश हैं जिनका नाम अभी तय नहीं हुआ है।इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को संकेत दिए कि वह खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। भाजपा के सांसद सिंह ने वीडियो संदेश में अपने ऊपर लगे आरोपों का जिक्र किए बिना संकेत दिया कि जब तक उनके पास लड़ने की ताकत है तब तक वह हार नहीं मानेंगे।
बृजभूषण शरण ने कहा,‘‘ मित्रों, जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा कि क्या खोया क्या पाया, जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है, जिस दिन मैं महसूस करूंगा मैं लाचार हूं, मैं बेचारा हूं, मैं ऐसी जिंदगी जीना पसंद नहीं करूंगा। मैं चाहूंगा कि ऐसी जिंदगी जीने के पहले मौत मेरे करीब आ जाए।”
बता दें कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवान रविवार से दिल्ली के जंतर मंतर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच करने वाले निगरानी पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।