मानसिक स्वास्थ्य का असंवेदनशील ढंग से मजाक बनाने के बजाय जागरुकता पैदा करने की जरूरत

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सुसाइड नोट से संबंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मजाक को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का असंवेदनशील ढंग से मजाक बनाने के बजाय जागरुकता पैदा करने की जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम के दौरान एक मजाक साझा किया जिसमें उन्होंने एक प्रोफेसर की बेटी के सुसाइड नोट में एक शब्द की वर्तनी की त्रुटि का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यह मजाक उस वक्त किया जब उन्होंने कहा कि संबंधित चैनल के प्रमुख संपादक अच्छी हिंदी बोलने लगे हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “हज़ारों परिवार आत्महत्या के कारण अपने बच्चों को खोते हैं।

प्रधानमंत्री को उनका मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए! प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, “अवसाद और आत्महत्या विशेषकर युवाओं की आत्महत्या कोई मजाक का विषय नहीं है।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में 1,64,033 भारतीय नागरिकों ने आत्महत्या की। इसमें 30 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या बहुत ज्यादा थी। यह त्रासदी कोई मजाक नहीं है। ”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और उनके मजाक पर हंसने वालों को खुद जागरूक होने की जरूरत है और मानसिक स्वास्थ्य का इस तरह से असंवेदनशील तरीके से मजाक बनाने के बजाय जगरूकता पैदा करने की जरूरत है।”

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