नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने अंगदान के लिए अपने कर्मचारियों को 42 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश देने का फैसला किया है। बड़ी सर्जरी के बाद ठीक होने में लगने वाले समय को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। फिलहाल, इस तरह के 30 दिनों के आकस्मिक अवकाश का प्रावधान था।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया, ‘‘दाता के अंग को निकालने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत पड़ती है, इसके कारण दाता को स्वस्थ होने में समय लगता है जिसमें अस्पताल में बिताया गया समय और इसके बाद की अवधि शामिल है।”
आदेश में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, किसी अन्य इंसान की मदद के लिए किये गये आदर्श कृत्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों में अंगदान को बढ़ावा देने के मद्देनजर किसी दूसरे व्यक्ति को अंगदान करने पर केंद्रीय कर्मचारियों को अधिकतम 42 दिनों का आकस्मिक अवकाश देने का फैसला जनहित में विशेष कल्याणकारी उपाय के रूप में किया गया।”
आदेश में कहा गया है कि दाता का अंग निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी के प्रकार से परे आकस्मिक अवकाश की अधिकतम अवधि 42 दिन होगी जिसे सरकारी पंजीकृत चिकित्सक की अनुशंसा के मुताबिक प्रदान किया जाएगा। अस्पताल में भर्ती होने के दिन से विशेष आकस्मिक अवकाश सामान्यतः एक बार में लिया जाएगा। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर सरकारी पंजीकृत चिकित्सक की सिफारिश पर सर्जरी से अधिकतम एक सप्ताह पहले इसका लाभ उठाया जा सकता है।
आदेश में कहा गया है कि इलाज करने वाले सरकारी पंजीकृत चिकित्सक की सलाह पर अवकाश को अलग करने या विभाजित करने की अनुमति दी जा सकती है। आकस्मिक अवकाश को अन्य अवकाश के साथ जोड़कर नहीं लिया जा सकेगा, लेकिन सर्जरी की जटिलता से जुड़ी आसाधरण परिस्थितियों में सरकारी पंजीकृत चिकित्सक की संस्तुति पर इस नियम से छूट मिलेगी।