सोमनाथ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है। उन्होंने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है लेकिन कुछ ताकतें ऐसी भी हैं जो रास्ते से भटकाने की कोशिशें करेंगी।
‘सौराष्ट्र तमिल संगमम’ के समापन समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत विविधता को विशेषता के रूप में जीने वाला देश है और ये विविधता ‘हमें बांटती नहीं, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है’। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि यह कार्यक्रम ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री की सोच को आगे बढ़ाता है और यह सौराष्ट्र के तमिलों को अपनी जड़ों के साथ फिर से जुड़ने का एक अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने कहा आज हमारे पास 2047 के भारत का लक्ष्य है। हमारे सामने गुलामी और उसके बाद सात दशकों के कालखंड की चुनौतियां भी हैं। हमें देश को आगे लेकर जाना है, लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें भी मिलेंगी, भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे। लेकिन, भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सौराष्ट्र और तमिलनाडु का साझा इतिहास यह भरोसा भी देता है। उन्होंने कहा कि इस साझा सांस्कृतिक विरोसत को आगे ले जाकर भारत को राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा, भारत विविधता को विशेषता के रूप में जीने वाला देश है। हम अलग-अलग भाषाओं और बोलियों को, अलग-अलग कलाओं और विधाओं को जीते हैं। हमारी आस्था से ले करके हमारे अध्यात्म तक, हर जगह विविधता है।