बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोलकता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान दोनों ने विपक्षी एकता की बात की।
इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों को साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि अब पता नहीं, ये(भाजपा) इतिहास बदल देंगे या क्या कर देंगे? सभी को सतर्क होना है इसलिए हम सभी के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमारे बीच बहुत अच्छी बात हुई है। आवश्यकता अनुसार हम भविष्य में अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे।
नीतीश ने कहा कि हमने बातचीत की है, विशेष रूप से सभी दलों के एक साथ आने और आगामी संसद चुनाव से पहले सभी तैयारियां करने के बारे में। उन्होंने कहा कि आगे जो भी होगा, देशहित में किया जाएगा। जो लोग अभी शासन कर रहे हैं, उनके पास करने के लिए कुछ नहीं है। ये सिर्फ अपना प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के विकास के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। वहीं, ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने नीतीश जी से यही अनुरोध किया है कि जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से हुआ था तो हम भी बिहार में ऑल पार्टी मीटिंग करें। हमें एक संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं। मैंने तो पहले ही कह दिया है कि मुझे इससे कोई एतराज नहीं है, मैं चाहती हूं कि भाजपा जीरो बन जाए।ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा कि हम साथ-साथ आगे बढ़ेंगे। हमारा कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, हम सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहते हैं। अब तक, विपक्ष दो समूहों में विभाजित है- एक कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए और दूसरी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस माइनस ब्लॉक। इसी दोनों ग्रुप को नीतीश एक करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने पिछले महीने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ इसी तरह की बैठकें की थीं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी कांग्रेस रहित विपक्ष की बात कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कुमार ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी।