सरकारी कर्मचारी ओवरटाइम के एवज में पैसों के हकदार नहीं:SC

नयी दिल्ली। सरकारी कर्मचारी ओवरटाइम काम करने के एवज में पैसे के भुगतान के हकदार नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह अहम फैसला है। सुनवाई के क्रम में SC ने कहा कि समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी आयोग की सिफारिशों से खुद ही बढ़ जाती है। साथ ही सरकारी कर्मियों के हिस्से में कुछ अन्य विशेषाधिकार भी हैं। जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने ओवरटाइम भत्ते के मुद्दे पर सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और उसके कर्मचारियों के बीच विवाद पर यह फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी ओवरटाइम के लिए मुआवजे का दावा नहीं कर सकते। यह सर्विस को रेगुलेट करने वाले प्रावधान नियमों का हिस्सा नहीं हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और पंकज मित्तल की पीठ का कहना था कि कारखानों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत लोगों के विपरीत, सार्वजनिक सेवा में काम करने वाला व्यक्ति जो सिविल पदों या संघ या राज्यों की सिविल सेवाओं काम करता हैं, उसे नियमों के अनुसार हर समय खुद को सरकार के नियंत्रण में रखना जरूरी है। इसी क्रम में कहा कि वे ओवरटाइम भत्ता नहीं मांग सकते।
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल और बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि निगम के साथ काम करने वाले कर्मचारी भी ओवरटाइम भत्ते के हकदार हैं. कोर्ट ने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारियों के लिए दोहरे ओवरटाइम भत्ते के भुगतान की मांग करने की कोई गुंजाइश नहीं है। कहा कि वैधानिक नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति द्वार किसी भी लाभ का दावा नहीं किया जा सकता कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा नियमों को दरकिनार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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