उत्तराखंड हेरिटेज मीडिया एवं सैन्गुइन वी केयर वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया राष्ट्रीय सिविल सर्विसेस डे

राधा रतूड़ी, अनिल रतूड़ी ,डॉ.एस.एस.नेगी एवं डॉ.आर.राजेश.कुमार अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए किया सम्मानित

देहरादून । राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस” के उपलक्ष में, उत्तराखंड हेरिटेज मीडिया एवं सैन्गुइन वी केयर वेलफेयर सोसायटी ने “नेशनल कौन्फेरेंस ऑन सिविल सरविसेस डे” का आयोजन किया।

 मुख्य अतिथि रहे अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन  राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक  अनिल रतूड़ी , जिन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, जिसके उपरान्त कार्यक्रम की आयोजिका, उत्तराखंड हेरिटेज मीडिया की सम्पादिका , एवं सैनेगुइन वी केयर वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्षा डॉ. कंचन नेगी ने एवं  निर्मला सेमवाल ने , स्मृति चिन्ह भेंट कर, मुख्य अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डॉ. कंचन नेगी ने कहा, “भारत में प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस’ मनाया जाता है। यह लोक प्रशासन में कार्यरत अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करने का दिन है।  यह दिन विभिन्न विभागों में कार्यरत सिविल सेवकों को स्मरण करने के उपलक्ष्य में है, जो देश के नागरिकों को सेवा प्रदान कर रहे हैं। आई.ऐ.एस, आई.पी.एस और आई.एफ.एस के रूप में नियुक्त अधिकारी नागरिकों के सामने आने वाले विभिन्न सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य करते हैं, और इसलिए हम पिछले पांच वर्षों से यह कार्यक्रम मनाते आ रहे हैं और नेशनल कोन्फेरेंस आयोजित करते हैं , जिसमें विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया जाता है और उनके प्रश्नों का हल प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिया जाता है , और आज मुझे बेहद खुशी है कि इस वर्ष भी, आज , समरवैली, एन.डी.एस ऋषिकेश, द इंडियन कैम्ब्रिज, डी.एस.एस.आर विकासनगर, ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया है.”

कार्यक्रम के प्रथम चरण में , अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी जी ने राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पर, बच्चों से प्रशासनिक सेवा के बारे में चर्चा की, उनके साथ अपने अनुभव साझा किये, उनके प्रश्नों के उत्तर दिये, जिससे सभी बच्चे बेहद प्रभावित हुए. जहाँ एक ओर , किस प्रकार से एक सच्चा अधिकारी कैसे कार्य करता है, उसकी राह चाहे कितनी भी कठिन क्यूँ न हो, वह बस आगे बढ़ता चला जाता है, किस प्रकार से फोकस रहना कितना ज़रूरी है, और दृढ इच्छाशक्ति से अपने गन्तव्य तक पहुंचा जा सकता है, बड़ी सादगी से,  राधा रतूड़ी जी द्वारा बच्चों को समझाया गया।
वहीं, दूसरी ओर, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने अपने संवाद में कहा, “ हर बालक या व्यक्ति के मन में अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा जन्म लेती है। हर किसी की अपनी महत्वकांक्षाएं होती हैं। कोई व्यापारी बनना चाहता है तो कोई समाज सेवा का काम करना चाहता है, कोई इंजीनियर या डॉक्टर बनने की इच्छा रखता है, वहीं मैंने पुलिस अधिकारी बनने का सोचा क्यूंकि पुलिस का कर्त्तव्य समाज की सेवा और उसका मार्गदर्शन करना होता है। पुलिस को अपराध की खोज के लिए मनोवैज्ञानिक की सूझ-बुझ से काम करना होता है और धैर्य से जनता की शिकायतें भी सुननी होती हैं और उनका निवारण भी करना होता है ,” और इसके साथ- साथ उन्होंने बच्चों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। उनके सम्बोधन के उपरान्त, डॉ. कंचन नेगी ने श्रीमती राधा रतूड़ी जी को एवं  अनिल रतूड़ी  को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर.राजेश कुमार (आई.ऐ.एस) ने और पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी (आई.एफ.एस) ने बच्चो के साथ सीधा संवाद किया. डॉ. एस.एस.नेगी ने कहा , “कड़ी मेहनत का कोई विकल्प और शॉर्टकट नहीं है।  जब सफलता प्राप्त करने की बात आती है, तो कठिन परिश्रम करने के अलावा दिमाग में और कोई विचार नहीं आता है।  कड़ी मेहनत न केवल सफल होने का एक महत्वपूर्ण साधन है, बल्कि यह बेहतर जीवन के लिए महत्वपूर्ण भी है। हम अपने जीवन के विभिन्न चरणों में चुनौतियों का सामना करते हैं। छात्र जीवन से लेकर पेशेवर जीवन तक, हर पहलू में हमें बाधाओं का सामना करना पड़ता है। सभी बाधाओं को दूर करने के लिए, हमें संभावनाओं पर ध्यान देने की जरूरत है, फिर योजना को कड़ी मेहनत के साथ क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
वहीं , दूसरी ओर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर.राजेश कुमार (आई.ऐ.एस) ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज की दुनिया में स्मा र्ट वर्क भी उतना ही जरूरी है, जितना कि हार्डवर्क। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में जो कुछ भी करता है उसमें सफल होना चाहता है, उसको अपने जीवन में आत्म-अनुशासन, समर्पण, प्रतिबद्धता और निरंतरता जैसे गुणों की जरूरत है। यह आपको उपलब्धि की भावना देता है। यह जानने से ज्यादा संतोषजनक और कुछ नहीं है कि आपने किसी चीज के लिए कड़ी मेहनत की है और उसे हासिल किया है। ज़िन्दगी में हमेशा डिसट्रैक्शन (भटकाव) से बचना चाहिए और खुद पर यकीन रखना चाहिए , तो सिविल सर्विसेस की परिक्षा कठिन नहीं, और इस परीक्षा के लिए , सामन्य ज्ञान में निपुणता भी होना बहुत आवश्क है। जब आप अपने लक्ष्यों तक पहुँचते हैं तो जो गर्व और उपलब्धि की भावना होती है वह बहुत अमूल्य होती है। अपनी चर्चा को जारी रखते हुए , उन्होंने सिविल सर्विसेज़ से जुड़े बच्चों के सवालों के उत्तर दिए , जिसके उपरान्त सिविल सर्विसेज़ में उत्कृष्ट कार्य हेतु, दोनों को , डॉ. कंचन नेगी ने सम्मानित भी किया गया और बच्चो को प्रशस्ति पत्र भी दिए गये।
कार्यक्रम “नेशनल कांफेरेंस ऑन सिविल सर्विसेज़” के अंत में, उपस्थित अध्यापकों को भी शौल भेंट कर उनको सम्मानित किया गया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन श्रीमती राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूड़ी जी के साथ – साथ , पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी जी और स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर.राजेश.कुमार जी का भी धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
कार्यक्रम में, उत्तराखंड हेरिटेज मीडिया एवं सैन्गुइन वी केयर वेलफेयर सोसाईटी की समस्त टीम उपस्थित रही।

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