नागरिकों के समग्र विकास के बिना देश और समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों और नागरिकों के समग्र विकास के बिना देश और समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक अरस्तु के एक उद्धरण का हवाला देते हुए सिंह ने कहा क‍ि ‘‘भले ही हम मस्तिष्क को चाहे क‍ितनी शिक्षा दे लें लेकिन यदि हृदय को शि‍क्षा नहीं देते हैं, ह्रदय यदि परिवर्तन नहीं करते हैं तो उस शिक्षा कोई मतलब नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा पर इससे बेहतर विचार शायद ही कोई और हो सकता है। सिंह उदयपुर में जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्‍होंने कहा,‘‘यानी हम केवल बच्‍चों को विज्ञान, गणित पढ़ा दें या उन्‍हें इंजीनियर, डॉक्‍टर बना दें या इसी प्रकार से उन्‍हें कितना भी बड़ा आदमी क्‍यों न बना दें पर जब तक हम उनके मन में राष्ट्र, समाज, संस्कृति और अपनी महान विभूतियों के संस्कार नहीं पैदा करते तब तक किसी विद्यार्थी के व्यक्तित्व का समग्र विकास क‍िसी भी सूरत में नहीं हो सकता।

सिंह ने कहा,‘‘ जब तक हम विद्यार्थियों का, नागरिकों का समग्र विकास नहीं करते हैं, तब तक हम राष्ट्र और समाज के संपूर्ण विकास की कल्पना भी नहीं कर सकते। यदि हम इस राष्ट्र को ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं, अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का मस्तक ऊंचा करना चाहते हैं तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक क‍ि हर व्यक्ति के व्यक्तित्व का समग्र विकास न हो।

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