नयी दिल्ली। विपक्षी दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों को जबरन चुप कराने और देशद्रोही घोषित करने का चलन खतरनाक है। इससे लोकतंत्र नष्ट हो जाएगा। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग के आधार पर बांटने एवं उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने वाले असली राष्ट्र विरोधी हैं।
सोनिया गांधी ने लोगों का आह्वान किया कि वे सुनियोजित ढंग से हो रहे हमले से संविधान को बचाने के लिए कदम आगे बढ़ायें। समाचार पत्र द टेलीग्राफ में लिखे एक लेख में सोनिया गांधी ने कहा, आज हम बाबासाहेब की विरासत का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही हमें उनकी उस चेतावनी को भी याद रखना होगा कि संविधान की सफलता उन लोगों के व्यवहार पर निर्भर करती है जिन्हें शासन करने का उत्तरदायित्व मिला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर संविधान को नष्ट कर रही है तथा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व की बुनियादों को कमजोर कर रही है। लिखा कि आज असली राष्ट्र विरोधी वह लोग हैं जो भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग के आधार पर बांटने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने कहा, शुक्र है कि सत्ता के प्रयासों के बावजूद भारतीय नागरिकों में बंधुत्व की भावना की जड़ें गहरी हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आंबेडकर जयंती पर जारी एक बयान में संविधान निर्माता के योगदान का विस्तृत उल्लेख करते हुए उनके कुछ कथनों को उद्धृत किया. कहा कि यह गंभीर आत्मनिरीक्षण का समय है, क्या हम अपने लोकतंत्र के पतन की अनुमति देंगे और तानाशाही के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे? खड़गे ने कहा, विपक्षी दल हों या सामाजिक समूह, गैर सरकारी संगठन, न्यायपालिका, मीडिया व आम नागरिक हों, उन्हें जबरन चुप कराना और देशद्रोही घोषित करना एक खतरनाक चलन है. यह हमारे लोकतंत्र को खत्म कर देगा और हमारे संविधान को नष्ट कर देगा।