नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में एम्स गुवाहाटी और तीन अन्य मेडिकल कॉलेजों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री 3,400 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व राष्ट्र को समर्पित करने के बाद सार्वजनिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने एम्स गुवाहाटी के नवनिर्मित परिसर का निरीक्षण किया। इसके बाद एक सार्वजनिक समारोह में उन्होंने एम्स गुवाहाटी और तीन अन्य मेडिकल कॉलेजों को राष्ट्र को समर्पित किया।
उन्होंने असम एडवांस्ड हेल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआईआई) का शिलान्यास किया और पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड वितरित करके ‘आपके द्वार आयुष्मान’ अभियान का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत बिहू पर्व की शुभकामनाएं देते हुए की। उन्होंने कहा कि इस शुभ अवसर पर नॉर्थ-ईस्ट और असम के स्वास्थ्य ढांचे को नई ताकत मिली है। आज नॉर्थ-ईस्ट को अपना पहला एम्स मिला और असम को 3 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के लिए पूर्वोत्तर दूर था, हमने समर्पण के साथ उसे नजदीक लाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जनता के सेवक की भावना से काम करते हैं, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमें दूर भी नहीं लगता और अपनेपन का भाव भी बना रहता है। आज नॉर्थ ईस्ट में लोगों ने विकास की बागडोर आगे बढ़कर खुद संभाल ली है। भारत के विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की योजनाओं से महिलाओं को स्वास्थ्य सेवा में बहुत लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि आजकल एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। वो शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया है, लेकिन उन्हें क्रेडिट क्यों नहीं मिला। क्रेडिट के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है। उन्होंने कहा, “जब भी मैं पिछले 9 वर्षों में पूर्वोत्तर के विकास के बारे में बात करता हूं, तो कुछ लोग परेशान हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें राज्य में विकास का श्रेय नहीं मिल रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने वोट बैंक की बजाय देश की जनता की मुश्किलों को कम करने पर फोकस किया। हमने लक्ष्य बनाया कि हमारी बहनों को इलाज के लिए दूर ना जाना पड़े। हमने तय किया कि किसी गरीब को पैसे के अभाव में अपना इलाज ना टालना पड़े।