नयी दिल्ली। दर्शकों की मांग पर छक्के जड़ने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का रविवार को उम्रजनित बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वह अपने छोटे भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ गुजरात के जामनगर में रह रहे थे। दुर्रानी के परिवार के करीबी सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की। अफगानिस्तान में जन्मे पश्तून मूल के दुर्रानी ने 29 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 75 विकेट लिये।
इसके अलावा उन्होंने बल्ले से 1202 रन भी बनाये, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 104 रन था। उन्होंने 50 पारियों के टेस्ट करियर में सात अर्द्धशतक भी जड़े थे। दुर्रानी का सबसे यादगार प्रदर्शन 1961-62 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गयी घरेलू टेस्ट शृंखला में आया था। उन्होंने कलकत्ता और मद्रास में खेले गये टेस्ट मैचों में क्रमश: आठ और 10 विकेट लिये, जिसकी मदद से भारत पांच मैचों की शृंखला में 2-0 की जीत दर्ज कर सका था।
इस जीत के एक दशक बाद दुर्रानी ने 1971 में वेस्ट इंडीज में भारत की ऐतिहासिक जीत में भी अहम भूमिका निभाई। पोर्ट आफ स्पेन में खेले गये टेस्ट मैच में दुर्रानी ने क्लीव लॉयड और सर गार्फील्ड सोबर्स के बहुमूल्य विकेट चटकाये। भारत ने यह मैच सात विकेट से जीता और पांच मैचों की शृंखला 1-0 से अपने नाम करते हुए वेस्ट इंडीज में पहली टेस्ट सीरीज जीती।
अपने खुशमिजाजी स्वभाव के लिए जाने जाने वाले क्रिकेटर ने क्रिकेट का किला फतह करने के बाद बॉलीवुड में भी हाथ आजमाया था। दुर्रानी 1973 में परवीन बॉबी के साथ ‘चरित्र’ में काम करने के अलावा ‘एक मासूम’ (1969) में भी नजर आये थे।
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