आसमानी बिजली गिरने से 350 से ज्यादा मवेशियों की मौत

देहरादून। उत्तरकाशी के जंगल में अचानक आसमानी बिजली गिरने से कम से कम साढ़े तीन सौ बकरियां और भेड़ प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए। स्थानीय प्रशासन इस मामले को देखेगा और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा। बारसू गांव निवासी संजीव रात बारिश में 350 बकरियों और भेड़ों को लेकर ऋषिकेश से उत्तरकाशी लौट रहे थे।उनके साथ एक दोस्त भी था।

उनलोगों के मुताबिक घने जंगल से गुजरते समय आसमान में बिजली चमकी और वही बिजली एक विशाल देवदार के पेड़ से टकराती है। उस समय संजीव मवेशियों से थोड़ा आगे चल रहे थे। उसके दोस्त ने बारिश से बचने के लिए दूसरे पेड़ के नीचे शरण ली। बकरियों और भेड़ों ने गरजते चीड़ के पेड़ को घेर लिया।

बिजली की चपेट में आते ही सभी बकरियां और भेड़ें मर गईं। किसी तरह संजीव और उसका दोस्त बच गए। स्थानीय ग्रामीण जगमोहन रावत ने कहा कि उन्होंने खट्टूखाल गांव के पास जंगल में बिजली गिरने की आवाज भी सुनी पर समझ नहीं आया कि ऐसा हो गया। जगमोहन को याद नहीं कि आखिरी बार बिजली गिरने से इतने सारे जानवरों के मरने की खबर उन्होंने आखिरी बार कब सुनी थी।

उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में अक्सर आंधी-तूफान की आवाज सुनाई देती है। लेकिन इस घटना के बारे में सुनकर हर कोई हैरान है। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और नमूने एकत्र किए। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि 30 मार्च तक पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश जारी रहेगी। नतीजतन, लोगों को आगाह किया गया है कि आने वाले दिनों में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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