श्री अन्नः कृषक समृध्दि का आधार“ का आयोजन

भाकृअनुप। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में 46वें कृषि विज्ञान मेला, श्री अन्नः कृषक समृध्दि का आधार“ का आयोजन किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा. राजेन्द्र सिंह परोदा, पूर्व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, भारत सरकार एवं महानिदेशक-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली रहे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने संस्थान द्वारा पर्वतीय कृषि पर किये जा रहे शोध कार्याें की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान अपने शोध कार्यों हेतु बधाई का पात्र है चूॅंकि इसके कार्यों को स्वयं कृषकों ने प्रमाणित किया है उन्होंने कहा कि संस्थान ने कृषि विशेष रूप से पर्वतीय कृषि को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया है। संस्थान के संस्थापक प्रो. बोसी सेन को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि प्रो.सेन द्वारा इस संस्थान की स्थापना पर्वतीय कृषि में एक विशेष क्रान्ति रही है। कृषि विविधीकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कृषि विज्ञान मेले का आयोजन पर्वतीय कृषकों के बीच नयी तकनीकों के प्रसार हेतु लाभप्रद है।

पर्वतीय कृषि में महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि खेत का पानी खेत में तथा हर मेड़ पर पेड़ का अनुसरण करना चाहिए। स्वयं सहायता समूह और कृषक उत्पादक संगठन बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इन समूहों के माध्यम से कृषि लागत में कमी के साथ ही आमदनी में वृध्दि होगी। उन्होंने कृषकों का केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ लेने हेतु आह्वाहन किया।

अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष 2023 के मध्येनजर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कृषकों के उत्पादित मोटे अनाजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा। समारोह के अध्यक्षता करते हुए नगर पालिकाध्यक्ष श्री प्रकाश चन्द्र जोशी जी ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जा रही वैज्ञानिक पद्वतियों की सराहना करते हुए किसानों से आग्रह किया कि वे इन पद्धतियेां का लाभ उठा कर अपनी फसल उपज को बढ़ा सकते हैं।

साथ ही उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों का आह्वाहन किया कि वे जलवायु परिवर्तन के मघ्येनजर तकनीकियों में बदलाव लाऐं। विशिष्ट अतिथि डा. सुनील नौटियाल, निदेशक गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा ने अपने भाषण में कहा कि यह संस्थान पर्वतीय कृषि तंत्र को मजबूत कर रहा है तथा अपनी विकसित तकनीकों को दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक भी पहुंचाने में सफल हो रहा है।

गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी के निदेशक प्रसार डा. अनिल कुमार शर्मा ने अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष 2023 के मध्येनजर पर्वतीय कृषि को उत्पादन एवं गुणवत्ता के दो क्षेत्रों में शोध करने पर बल दिया। आकाशवाणी अल्मोड़ा के निदेशक श्री रमेश चन्द्रा ने कृषकों से आकाशवाणी द्वारा प्रसारित संस्थान के कृषि शोध एवं कृषि समसामयिक जानकारी का लाभ उठाने का अनुरोध किया तथा उन्हें देश की तरक्की में योगदान देने को कहा।

मुख्य कृषि अधिकारी श्री धनपत कुमार ने राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं एवं अनुदान से कृषकों को अवगत कराया। मुख्य अतिथि द्वारा संस्थान की प्रजातियों नामतः वी.एल. सोया 99, वी.एल. मंडुवा 400 तथा वी.एल. सीड प्रतीक चिन्ह का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र उत्तरकाशी की प्रशिक्षण पुस्तिका ”प्राकृतिक खेती-कम लागत एवं स्वस्थ पर्यावरण का सरल विकल्प“, संस्थान के प्रसार प्रपत्रों “उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचित धान की वैज्ञानिक खेती“, “उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में सोयाबीन एवं भट्ट की उन्नत खेती“ का विमोचन किया गया।

मेले के दौरान प्रगतिशील किसान  शोबन राम, इन्द्र सिंह रैखवाल, उमेश चन्द्र, मदनमोहन,  राहुल सिंह, श्रीमती महेशी देवी, श्री बब्बू लाल आर्या एवं श्री प्रेम पाल जी को पुरस्कृत किया गया। इससे पहले संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मी कान्त ने मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथियों, आगन्तुकों व कृषकों का स्वागत करते हुए पर्वतीय कृ़िष के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये गए शोध कार्यों तथा विकसित तकनीकों का विवरण दिया गया।

उन्होंने सभी को अवगत कराया कि इस कृषि विज्ञान मेले में प्रदेश के दूरस्थ 8 जिलों के 500 से भी अधिक कृषक प्रतिभाग कर रहे हैं जिसके फलस्वरूप संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियाॅं दूरस्थ स्थानों में भी सफल हो रही है। इस अवसर पर संस्थान में चल रही अनुसूचित जाति एवं जनजाति परियोजना के अन्तर्गत विभिन्न कृषक समूहों एवं कृषकों का वी.एल. मंडुवा थ्रेशर, पावर वीडर एवं लघु कृषि यंत्रों का वितरण किया गया।

किसान मेले में आयोजित प्रदर्शनी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनेक संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं लगभग 35 प्रदर्शनियाँ लगायी गयी। इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों एवं विभागों के वैज्ञानिक एवं अधिकारी उपस्थित थे।
मेले में आयोजित कृषक गोष्ठी में पर्वतीय कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा त्वरित समाधान किया गया। विभिन्न कृषकों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। किसान मेले में कृषक गोष्ठी का संचालन डा. बी.एम.पाण्डे, कार्यक्रम का संचालन डा. अनुराधा भारतीय एवं धन्यवाद प्रस्ताव डा. जे.के. बिष्ट, विभागाध्यक्ष ने किया।

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