नैनीताल। उत्तराखंड के रामनगर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। सभी व्यवस्थाएं युद्ध स्तर पर की जा रही हैं। उच्चस्तरीय बैठक को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को चाक चैबंद बनाया गया है। रामनगर में 28 मार्च से होने वाली तीन दिनी बैठक में 20 देशों के 70 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। वैज्ञानिकों के प्रतिनिधित्व वाली यह बैठक जी-20 देशों की चुनौतियों व समस्याओं पर केन्द्रित रहेगी।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्य बैठक 29 मार्च को आयोजित होगी। सभी प्रतिनिधि मंगलवार 28 मार्च को रामनगर के ढिकुली पहुंचेंगे। उच्चस्तरीय बैठक के लिये पंतनगर से रामनगर के ढिकुली तक सुरक्षा के कड़े इंतजामात किये गये हैं।
लगभग ढाई से तीन हजार पुलिस कर्मी सुरक्षा की कमान संभालेंगे। कुमाऊं व गढ़वाल मंडल से पुलिस व सुरक्षाकर्मियों को सम्मेलन की सुरक्षा में लगाया गया है। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत व पुलिस महानिरीक्षक डा. नीलेश आनंद भरणे की अगुवाई में ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जनपद के अधिकारी आज पंतनगर से लेकर ढिकुली तक दिन भर तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे रहे। इस दौरान अलग अलग सैक्टरों व जोनों की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है। रामनगर को सुरक्षा के लिहाज से सात सेक्टर व तीन जोन में विभक्त किया गया है।
उच्चाधिकारी इनकी जिम्मेदारी संभालेंगे। ड्यूटी में तैनात सुरक्षा कर्मियों को कड़ी हिदायत दी गयी है। खासकर संदिग्धों पर पैनी नजर बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं। तीन दिन तक किसी को भी मोहलत नहीं दी जायेगी। बैठक को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा के साथ ही उप्र सीमा पर भी चैकसी बढ़ायी गयी है। सीमांत चंपावत व पिथौरागढ़ पुलिस के साथ ही सीमा की सुरक्षा में लगी आईटीबीपी को कड़ी चैकसी के निर्देश दिये गये हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तस्करी, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीमांत चंपावत व नेपाल पुलिस के अधिकारियों की आज एक संयुक्त बैठक भी आयोजित की गयी जिसमें कई निर्णय लिये गये। प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस के मुखिया जी0 पन्नू की धमकी के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ी कर दी गयी है। कुमाऊं मंडल के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) श्री भरणे के अनुसार इस मामले की जांच देहरादून की एसटीएफ को सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ जांच में जुटी है।
फिलहाल सुरक्षा को अभेद्य बनाया गया है। कोई पंछी भी पर नहीं मार पायेगा। पंतनगर एयरपोर्ट से रामनगर के ढिकुली तक सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। सड़क के दोनों ओर साज सज्जा के साथ ही फूल -पौधों लगाये गये हैं। दीवारों पर उत्तराखंड की संस्कृति देखते ही बनती है।
सम्मेलन के दौरान 29 मार्च की रात्रि को सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जायेगा। जिसमें देश व उत्तराखंड की सांस्कृतिक छठा की धूम रहेगी। सम्मेलन में विदेशी मेहमानों के खाने का विशेष ध्यान रखा गया है। विदेशी व्यजनों के साथ ही उत्तराखंड के परंपरागत व्यंजन भी परोसे जायेंगे। सम्मेलन के अंतिम दिन 30 मार्च को सभी मेहमान कार्बेट सफारी का भी आनंद ले सकेंगे।