अयोध्या। श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का जन्मोत्सव इस बार भव्य रूप से मनाया जायेगा। श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को पुनवर्सु नक्षत्र और कर्क लग्र में दोपहर 12 बजे हुआ था। इस वर्ष यह मुहूर्त 30 मार्च को पड़ रहा है।
जन्मोत्सव को लेकर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने बताया कि जन्मोत्सव पर रामलला को इस बार छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जायेगा, साथ ही प्रसाद में तीन तरह की पंजीरी, पंचामृत का भोग लगेगा। प्रसाद के रूप में दो कुंतल पंजीरी तैयार की जायेगी, जिसका भोग लगाकर रामभक्तों को वितरित किया जायेगा। कुट्टू व सिंघाड़े का आटा व रामलला की पंजीरी का भोग रामलला को लगेगा। श्री दास ने बताया कि नौ दिन रामलला को विभिन्न प्रकार के वस्त्र पहनाये गये हैं लेकिन जन्मोत्सव के दिन पीला वस्त्र रामलला को धारण कराया जायेगा। कलश की स्थापना हो गयी है।
फल, पेड़ा सहित अन्य सामाग्रियों का भोग लगेगा जो प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरण कराया जायेगा। जन्मोत्सव मनाये जाने के बाद यह प्रसाद रामजन्मभूमि में लगे सुरक्षा कर्मियों सहित मंदिर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों, इंजीनियरों के साथ रामलला के दर्शनार्थियों को बांटा जायेगा। उन्होंने बताया कि रामलला का विधि विधान पूर्ण अभिषेक पूजन किया जायेगा। पांच कुंतल दूध से रामलला का अभिषेक होगा। इत्र से उन्हें स्रान कराया जायेगा। जन्मोत्सव पर रामलला रत्न जड़ित वस्त्र धारण करेंगे।
जन्मोत्सव के उल्लास में अयोध्या झूम रही है। राम मंदिर निर्माण की खुशी बयां हो रही है। पूरी अयोध्या जन्मोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए अयोध्या के संत धर्माचार्य तैयारियों में जुट गये हैं। रामजन्मोत्सव पर पूरी अयोध्या को राममय बनाने की तैयारी है। इस बार घर-घर उत्सव मनाया जायेगा। रामलला के मुख्य पुजारी ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में श्रीरामजन्मोत्सव की तैयारी की भव्यता देखने लायक होगी क्योंकि पूरे अयोध्या को सजाने का काम शुरू हो गया है।
जन्मोत्सव के दिन सुबह रामलला का पांच कुंतल दूध से अभिषेक तो किया ही जायेगा। साथ ही साथ उन्हें खास वस्त्र श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से तैयार कराया गया वस्त्र उन्हें पहनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि पांच सौ एक किलो चरनामृत प्रसाद भी तैयार किया गया है। श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन भक्तों को मिल सके इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सुरक्षा व्यवस्था और दर्शन करने वाले श्रद्धालु की पूरी व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि इस बार श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है तो श्रद्धालु रामलला का दर्शन तो करेंगे ही मगर उसको देखना नहीं भूलेंगे, इसलिए भगवान राम की नगरी में भक्तों की अपार भीड़ होने की संभावना है।