डल झील की कमल ककड़ी पहुंच रही है विदेश

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कश्मीर में डल झील कमल ककड़ी विदेश पहुंच रही है और किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम के 99 वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि डल झील, अपने स्वादिष्ट कमल के तनों या कमल ककड़ी, के लिये भी जानी जाती है। कमल के तनों को देश में अलग-अलग जगह, अलग-अलग नाम से जानते हैं। कश्मीर में इन्हें नादरू कहते हैं। कश्मीर के नादरू की मांग लगातार बढ़ रही है।
इस मांग को देखते हुए डल झील में नादरू की खेती करने वाले किसानों ने एक किसान उत्पादक संघ बनाया है। इस संघ में करीब 250 किसान शामिल हुए हैं। ये किसान अपने नादरू को विदेशों तक भेजने लगे हैं। अभी कुछ समय पहले ही इन किसानों ने दो खेप संयुक्त अरब अमीरात भेजी हैं। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ी है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भदरवाह’ के किसान, दशकों से मक्के की पारंपरिक खेती करते आ रहे थे, लेकिन, कुछ किसानों ने फूलों की खेती का रुख किया। करीब 25 सौ किसान लैवेंडर की खेती कर रहे हैं। इन्हें केंद्र सरकार से मदद भी मिली है। इस नई खेती ने किसानों की आमदनी में बड़ा इजाफा किया है।
प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर कुपवाड़ा जिले में नवनिर्मित मां शारदा मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व ही कुपवाड़ा में माँ शारदा के भव्य मंदिर का लोकार्पण हुआ है। ये मंदिर उसी मार्ग पर बना है, जहां से कभी शारदा पीठ के दर्शनों के लिये जाया करते थे। स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के निर्माण में बहुत मदद की है। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को इस शुभ कार्य के लिये बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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