नैनीताल। चीन सीमा से सटे हिमालयी गांवों के उत्पाद अब एक ही स्थान पर आसानी से मिल सकेंगे और इसके लिए विकास खंड मुनस्यारी में बिक्री केंद्र के निर्माण को मंजूरी दे दी गयी है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री बीएडीपी योजना के तहत भेजे गये प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही 20 लाख रुपए की धनराशि भी स्वीकृत की गयी है।
उन्होंने बताया कि मुनस्यारी क्षेत्र में सब्जी, बागवानी, जड़ी बूटी, रिगांल तथा ऊनी हस्तशिल्प के अलावा डेरी, ट्राउट मछली आदि का उत्पादन अलग-अलग स्थानों पर होता है।
महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा पैदा किए जाने वाले इन उत्पादों की बिक्री के लिए अभी तक मुनस्यारी विकास खंड में एक भी केन्द्र एवं स्थान तय नहीं था।
अब हरकोट की सब्जी, पैंकुती का मिर्च, बोना तथा क्वीरीजीमिया का राजमा एवं आलू, दुम्मर का तैमूर, जोशा का रिंगाल का सामान, मल्ला जोहार तथा रालम की जड़ी बूटियां, जनजाति समुदाय का ऊनी हस्तशिल्प, नापड़ का गूड़, बलाती फार्म का ट्यूलिप, ढिमढिमिया तथा प्यागंती का घी, राथी तथा जैती का ट्राउट मछली, पापड़ी के देशी मुर्गी तथा कड़कनाथ के अंडे सहित सीमांत क्षेत्र में उत्पादित जैविक सामान एक ही स्थान पर मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि बिक्री केन्द्र के लिए मुनस्यारी के विकास खंड परिसर में दुकानों को बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। जिला अधिकारी रीना जोशी तथा मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।