नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रूड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल के खिलाफ कथित गड़बड़ी के मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मंगलवार को पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में शहरी विकास सचिव को नोटिस जारी कर 13 अप्रैल को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिये हैं। रूड़की निवासी अमित अग्रवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पूर्व में अदालत ने शहरी विकास विभाग को निर्देश दिये थे कि मेयर गौरव गोयल के खिलाफ आरोपों की जांच कर दो महीने के अदंर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि मेयर गोयल की ओर से भूमि की लीज बढ़ाने की एवज में कथित रूप से 25 लाख रुपये की मांग की गयी।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। यही नहीं मेयर पर यह भी आरोप है कि अपनी महिला कर्मचारी के पति को पहले झूठे केस में फंसाया और बाद में केस वापस लेने के नाम पर महिला कर्मचारी के साथ संबंध बनाने का दबाव बनाया गया।
पुलिस ने इस मामले में अभियोग भी दर्ज किया लेकिन जांच के नाम पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी। बाद में निचली अदालत ने पुलिस को इस प्रकरण की दुबारा जांच के निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया पद के दुरूपयोग के मामले में सरकार को भी शिकायत की गयी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।