श्रीनगर। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि सरस आजीविका मेला ग्रामीण स्वयं सेवा समूहों (एसएचजी) और कारीगरों के लिए एक बेहतर मंच प्रदान कर रहा हैं। श्रीनगर में प्रतिष्ठित डल झील के पास बुलेवार्ड रोड पर सरस आजीविका मेले में शामिल होने के दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि मेला ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों और कारीगरों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने, खरीददारों के साथ बहेतर संबंध बनाने और डिजाइन, पैकेजिंग और सोशल मीडिया विज्ञापन के बारे में सीखने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान कर रहा है।
स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हमने महिला उद्यमियों को व्यवसाय को बढ़ाने और वैश्विक बाजार से जुड़ने के अवसर प्रदान करने में मदद करने के लिए कई पहल की हैं।’ जम्मू-कश्मीर में 78 हजार से अधिक एसएचजी से जुड़ी लगभग 6.27 लाख महिलाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दशा को ही बदल दिया है। उन्होंने यहां कई रोजगार सृजित किए हैं और कुछ ने बड़े उद्यम बनने की क्षमता भी दिखाई हैं।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले तीन वर्षों में हमारे प्रयासों ने हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए हैं और उन्हें विकसित तथा आत्मनिर्भर जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य को साकार करने में समान भागीदार बनाने में सक्षम बनाया है।उपराज्यपाल ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन को ग्रामीण महिलाओं की आजीविका हासिल करने के लिए उचित प्रशिक्षण के साथ-साथ अन्य सहायता देने के प्रयासों के लिए बधाई दी।