नयी दिल्ली। सरकार ने देश भर के 200 से अधिक जिलों में 20 मार्च को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला का आयोजित किया जाएगा जिसमें बड़े पैमाने पर बेरोजगार युवकों का रोजगार भी मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कौशल भारत मिशन के तहत भारत के युवाओं के लिए कैरियर के अवसरों को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के तहत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) देश भर के 200 से अधिक जिलों में 20 मार्च को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला (पीएमएनएएम) आयोजित करेगा।
स्थानीय युवाओं को प्रासंगिक शिक्षुता प्रशिक्षण अवसर प्रदान करने के लिए कई स्थानीय व्यवसायों और संगठनों को इस शिक्षुता मेले का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह आयोजन विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली कई कंपनियों की भागीदारी का गवाह बनेगा। एक ही मंच के माध्यम से, भाग लेने वाले संगठन संभावित प्रशिक्षुओं से जुड़ सकते हैं और मौके पर ही उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने वालों का चयन कर सकते हैं।
उम्मीदवारों को अपने रिज्यूमे की तीन प्रतियां, सभी मार्कशीट और प्रमाणपत्रों की तीन प्रतियां, फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस आदि) और तीन पासपोर्ट आकार के फोटो संबंधित स्थानों पर ले जाने होंगे। जिन लोगों ने पहले ही नामांकन कर लिया है, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें।
इस मेले के माध्यम से, उम्मीदवार राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) से मान्यता प्राप्त प्रमाणन भी अर्जित करेंगे जिससे प्रशिक्षण सत्रों के बाद उनकी रोजगार दर में सुधार होगा। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,‘‘शिक्षुता शिक्षा-से-कार्य परिवर्तन के लिए सबसे अच्छा मार्ग है।
पीएमएनएएम जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से, सरकार भारत में शिक्षुता के आकांक्षात्मक मूल्य को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की शुरुआत से आने वाले वर्षों में अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण को और बढ़ावा मिलेगा। सही प्रतिभा का दोहन करते हुए नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं को शामिल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह महत्वपूर्ण है कि हम रोजगार क्षमता बढ़ाने और उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस तरह की पहल में निवेश करना जारी रखते हैं।’’ शिक्षुता मेले पूरे देश में हर महीने के दूसरे सोमवार को आयोजित किए जाते हैं। इन मेलों में, चयनित व्यक्तियों को नए कौशल प्राप्त करने के लिए सरकारी मानदंडों के अनुसार मासिक वजीफा मिलता है।
अप्रेंटिसशिप को कौशल विकास का सबसे टिकाऊ मॉडल माना जाता है और स्किल इंडिया मिशन के तहत इसे काफी बढ़ावा मिल रहा है। सरकार अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण के माध्यम से प्रति वर्ष 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रही है और इस मिशन को पूरा करने के लिए पीएमएनएएम का उपयोग प्रतिष्ठानों और छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में किया जा रहा है। यह भाग लेने वाली कंपनियों में मौजूद विभिन्न अवसरों पर युवाओं को जागरूक भी कर रहा है।