नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक बार फिर दोहराया कि देश के स्टार्टअप्स की मदद को लेकर मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
आईटी राज्यमंत्री दिवालिया हुए अमेरिकी बैंक से प्रभावित भारतीय स्टार्टअप्स से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स को इस संकट से उबारने की दिशा में सरकार की ओर से हर संभव कोशिश करने का आश्वासन दिया।
आईटी राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में केंद्र सरकार स्टार्टअप्स की मदद के लिए प्रतिबद्ध है और इस संकट से प्रभावित भारतीय स्टार्टअप्स को भी उबारने का प्रयास कर रही है।’’
आईटी राज्यमंत्री ने स्टार्टअप्स से कहा, ‘‘भारतीय बैंकिंग प्रणाली सबसे स्थिर और मजबूत है और आपको इसका इस्तेमाल अपने संगठनात्मक ढांचे के तहत करने का मार्ग तलाशना चाहिए। जबकि स्टार्टअप्स के पास एसवीबी जैसे बैंकों का उपयोग करने के लिए एक स्वाभाविक प्रोत्साहन है, हमें अपने व्यवसाय मॉडल को बदले बिना भारतीय बैंकिंग प्रणाली का उपयोग करने का एक तरीका निकालना चाहिए।
राज्यमंत्री के साथ इस संवाद में जुड़े सैकड़ों स्टार्टअप्स में जोथ आईओ और हाटिका आईओ भी शामिल थे।
उन्होंने स्टार्टअप्स से कहा, ‘‘हम वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी के साथ महत्वपूर्ण बिंदुओं को साझा करेंगे और यह पता लगाएंगे कि संकट को कैसे कम किया जा सकता है। हम यह भी पता लगाएंगे कि भारतीय बैंकों, आईएफएससी केंद्रित बैंकों या किसी अन्य भारतीय बैंक में आपकी अमेरिकी डॉलर की जमा राशि का हस्तांतरण कितनी आसानी से हो सकता है।
आप में से उन लोगों के लिए, जिनकी जमा राशि पूर्ण रूप से वापस कर दी जाएगी, लेकिन उसकी कोई समय सीमा निश्चित नहीं है, हम इस विकल्प का पता लगाएंगे कि क्या कोई क्रेडिट लाइन अमेरिकी डॉलर या भारतीय रुपये में उपलब्ध कराई जा सकती है। हम यह भी देखने की कोशिश करेंगे कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह अधिक क्रेडिट उत्पाद भारत में आपको उपलब्ध कराए जा सकते हैं।’’
उन्होंने स्टार्टअप्स को आश्वासन दिया कि वे किसी भी समस्या को लेकर स्टार्टअप हब के सीईओ से संपर्क कर सकते हैं और सरकार उनकी मदद करने की पूरी कोशिश करेगी।