म्यांमार के रहने वाले एक रोहिंग्या मुसलमान ने खुद को मुरादाबाद का मूल निवासी बता कर भारत का ओरिजनल पासपोर्ट हथिया लिया। पांच साल बाद तेलंगाना पुलिस की जांच में पकड़े गए रोहिंग्या के खिलाफ मुरादाबाद की कांठ पुलिस ने धोखाधड़ी का कैस दर्ज किया है। फर्जी प्रपत्रों के आधार पर रोहिंग्या द्वारा पासपोर्ट हथियाने के खेल से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।
तेलंगाना के राचकोंडा जिले में बालापुर थाने पर तैनात उपनिरीक्षक बी. श्रीकांत ने कांठ पुलिस को तहरीर देकर बताया कि आठ नवंबर 2022 को मुखबिर से पता चला कि म्यांमार देश का रहने वाला एक रोहिंग्या मुसलमान हाल ही में सउदी अरब से आया है। फिलहाल वह कैम्प नंबर एक रॉयल कॉलोनी, बालापुर गांव मंडल, रंगा रेड्डी में निवास कर रहा है। उपनिरीक्षक ने तत्काल सूचना तेलंगाना पुलिस के उच्चाधिकारी को दी। इसके बाद वह रोहिंग्या मुसलमान से संबंधित सूचना एकत्र करने में जुटे। छानबीन के बाद रोहिंग्या मुसलमान की तलाश में वह उक्त पते पर गये। वहां मिले एल. बलराज व टी. रमेश के अलावा एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की।
छानबीन में पता चला कि पासपोर्ट संख्या – N6071442 उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से वर्षा 2016 में जारी हुआ है। पूछताछ में तीसरे संदिग्ध की पहचान मोहम्मद फारूक उर्फ मोहम्मद इस्माइल पुत्र नूरुल हक उर्फ अहमद नूर के रूप में हुई। 29 वर्षीय आरोपी ने स्वीकार कि वह श्रमिक व रोहिंग्या मुस्लिम है। वर्तमान में वह कैंप नंबर एक रॉयल कॉलोनी, बालापुर गाँव मंडल, रंगा रेड्डी जिला में निवास कर रहा है। इससे पहले वह मुरादाबाद के कांठ थाना क्षेत्र में ग्राम अकबरपुर, चंदेरी में रहता था। मूलरूप से वह फोकिरा बाजार (गांव), मुंगडो (थाना), म्यांमार का रहने वाला है।