कर्नाटक कांग्रेस ने की ‘अन्नभाग्य’ योजना की घोषणा

बेंगलुरु। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कर्नाटक कांग्रेस ने राज्य में भुखमरी को खत्म करने की प्रतिबद्धता दिखाते हुए ‘अन्नभाग्य’ योजना के तहत बीपीएल कार्डधारकों को प्रति माह 10 किलोग्राम चावल मुफ्त प्रदान करने की अपनी तीसरी गारंटी की घोषणा की है।

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा, हमें कर्नाटक से भूख मिटाने के लिए बीपीएल कार्डधारकों को प्रति माह 10 किलो चावल मुफ्त देने की ‘अन्नभाग्य’ गारंटी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
उन्होंने कहा कि अन्नभाग्य योजना पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण और अनुकरणीय योजना थी, जिससे अंतत: राज्य के लाखों परिवारों को लाभ मिला। उन्होंने कहा, कांग्रेस की सरकार थी तो बीपीएल परिवारों को सात किलो राशन दिया जाता था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने राशन घटाकर पांच किलो कर दिया और लोगों को निराश किया लेकिन इस बार कांग्रेस 10 किलो चावल मुफ्त देगी। यह हमारी तीसरी गारंटी है।
हम पहले ही कांग्रेस पार्टी से दो गारंटी की घोषणा कर चुके हैं। हम गृहज्योति गारंटी के तहत राज्य के हर घर में 200 यूनिट मुफ्त बिजली और गृहलक्ष्मी गारंटी के तहत हर महिला गृहस्वामी को 2000 रुपये देने के वादे के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब हमारे साथ 200 यूनिट मुफ्त की गारंटी, 2000 रुपये की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कल्याणकारी राजनीति के लिए प्रतिबद्ध है और कर्नाटक को भारत का सबसे विकसित राज्य बनाती है।

उन्होंने नई शिक्षा नीति पर नाराजगी भी जताई और उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को राज्य के मामलों में हस्तक्षेप न करने का कड़ा संदेश देते हुए कहा ‘‘ भाजपा सरकार ‘एनईपी’ के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। पहली कक्षा में प्रवेश की आयु पांच वर्ष से छह वर्ष करने से भाजपा को क्या हासिल होने वाला है? शिवकुमार ने इस फैसले को लागू करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा दिए गए बेतुके तर्क का उपहास उड़ाते हुए सत्तारूढ़ दल से सवाल किया।

उन्होंने कहा ‘‘ कर्नाटक में अब तक की वर्तमान शिक्षा प्रणाली उत्कृष्ट है। हमारा राज्य प्राथमिक स्तर से लेकर इंजीनियंरिंग, चिकित्सा शिक्षा तक शिक्षा के क्षेत्र में देश में एक मॉडल है। दुनिया में सबसे अधिक इंजीनियर और डॉक्टर कर्नाटक से हैं।
तकनीकी रूप से सबसे अधिक संख्या में इंजीनियर और डॉक्टर हैं। राज्य काफी उन्नत है। क्या वे सभी नहीं हैं जिन्होंने पांच वें वर्ष में कक्षा एक शुरू की है? इसमें क्या समस्या है? केंद्र सरकार को कर्नाटक की शिक्षा प्रणाली में अपनी नाक नहीं घुसानी चाहिए। हम एनईपी को लागू नहीं होने देंगे हमारे राज्य में किसी भी परिस्थिति में।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने दशकों की कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ आधुनिक कर्नाटक का निर्माण किया है और वह किसी बाहरी ताकत को इसे नष्ट करने की अनुमति नहीं देगी।कांग्रेस की गारंटी गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को एक औसत संघर्षपूर्ण जीवन से एक सभ्य जीवन शैली तक पहुंचाने पर केंद्रित है।

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