नयी दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा ने वर्षा जल के संरक्षण के लिए पूसा अमृत सरोवर का निर्माण किया है जिससे 300 एकड़ जमीन में सिंचाई की जा सकेगी। संस्थान के निदेशक ए के सिंह ने इस सरोवर को दिखाने के बाद कहा कि वर्षा जल का संरक्षण करने तथा भूगर्भ जल के दोहन को कम करने के लिए इस सरोवर का निर्माण किया गया है।
इससे 300 एकड़ जमीन में लगी फसलों की तीन बार सिंचाई की जा सकेगी। पूसा में खेतों की सिंचाई के लिए 20-25 बोरिंग हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ बोरिंग को बंद कर दिया जायेगा। जल के अधिक दोहन से इसका स्तर भी गिर रहा है। उन्होंने कहा कि ढाई एकड़ जमीन में सरोवर का निर्माण किया गया है, जो 18 मीटर गहरा है। इसमें 50000 घन मीटर जल का भंडारण किया जा सकेगा।
पूसा परिसर में अब तक वर्षा का साफ पानी बहकर नजफगढ़ के गंदे नालों में चला जाता था। इसके साथ ही अधिक वर्षा होने से फसलें खराब हो जाती थीं। उन्होंने कहा कि पूसा परिसर में वर्षा जल को अलग-अलग नालों के माध्यम से तालाब से जोड़ा गया है। तालाब से खेतों की सिंचाई प्रणाली को जोड़ दिया गया है। दिल्ली में औसतन सालाना 1000 से 1200 मिलीमीटर वर्षा होती है। उन्होंने कहा कि वर्षा का पानी अब पूसा के बाहर नहीं जायेगा और खेत का पानी खेत में ही रहेगा।