जयपुर। राजस्थान में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और समुचित विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठवीं तक के 69 लाख से अधिक बच्चों को मिल्क पाउडर से तैयार दूध सप्ताह में दो दिन मिल रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार योजना के तहत आठवीं कक्षा तक के करीब 69 लाख 22 हजार बच्चों को मिल्क पाउडर से तैयार दूध सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिसमें कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को 15 ग्राम पाउडर मिल्क से 150 मिलीलीटर तैयार दूध एवं कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को 20 ग्राम पाउडर मिल्क से 200 मिलीमीटर तैयार दूध चीनी मिला कर पीने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
स्कूलों में बुधवार और शुक्रवार को किसी कारणवश अवकाश होने पर अगले शैक्षणिक दिवस को दूध उपलब्ध कराया जाता है। योजना के माध्यम से राजकीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी हुई है और इससे बच्चों के परिवारजन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित भी होंगे, जिससे स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा तथा ड्रापआउट रोकने में भी मदद मिलगी।
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत विद्यार्थियों को विद्यालय प्रबंधन समिति की देखरेख में प्रार्थना सभा के तुरंत पश्चात पाउडर मिल्क से तैयार दूध उपलब्ध कराया जाता है। दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए विद्यार्थियों को दूध पिलाया जाने से पूर्व एक अध्यापक, एक विद्यार्थी के अभिभावक और एस.एम.सी के सदस्य द्वारा पोषाहार की भांति दूध को चखा जाता है।
दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित होने के बाद ही विद्यार्थियों को दूध का वितरण किया जाता है। योजना के क्रियान्वयन एवं बेहतर संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा 476 करोड़ 44 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अब बजट घोषणा वर्ष 2023-24 में मिड डे मील के तहत एक हजार करोड़ रुपये की लागत से बच्चों को प्रतिदिन दूध उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा की गयी है।