विभिन्न क्षेत्रों में नि:स्वार्थ भाव से कार्य करने वाले संस्था के सदस्यों को राज्यपाल ने सम्मानित किया

देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने यहां भानियावाला में राष्ट्रीय सैनिक संस्था के 16वें राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि स्वरूप पहुंचकर, विभिन्न क्षेत्रों में नि:स्वार्थ भाव से कार्य करने वाले संस्था के सदस्यों को सम्मानित किया।

साथ ही, उन्होंने संस्था की स्मारिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्था के 90 हजार से अधिक सदस्य एक विशाल परिवार को रूप लेकर देश सेवा के महान संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

साथ ही, वीर सैनिकों और राष्ट्रभक्त नागरिकों के साथ व्यक्तिगत और चरित्र निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इस परिवार को हमारे हजारों देशभक्त नागरिकों और वीर सैनिकों ने स्वयं समर्पित भावना से बनाया है, इस परिवार का सदस्य होना हर एक के लिए गर्व की बात है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण और चरित्र निर्माण एक दूसरे के पूरक हैं।

बिना चरित्र निर्माण के राष्ट्रीय एकीकरण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति और उन्नति उसके नागरिकों पर निर्भर है। नागरिक अपने राष्ट्रभक्ति और अनुशासन के बल पर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी नेतृत्व भावना को पहचानना होगा जिसके बल पर हम भारत को एक बार पुन: विश्वगुरू के शिखर पर आसीन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास समृद्ध है, जो हमें नेतृत्व की भावना के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह समय भारत का है और इसे हमें पहचानना होगा। सिंह ने कहा कि इस अधिवेशन में नगर पालिका से लेकर संसद तक पूर्व सैनिकों को मनोनीत करने का विचार रखा गया है।

उन्होंने कहा कि इस विचार के साथ यह अपेक्षा करता हूँ कि समाज के सभी क्षेत्रों में एक नई प्रगति लाने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल किया जाना चाहिए। सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधित्व से वे देश की प्रगति व उन्नति में अपना सहयोग कर सकेंगे।

इस कार्यक्रम में पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक प्रो. पवन सिन्हा, विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ.लोकेश मुनि, ले.ज.अश्विन कुमार बक्शी, ले.ज शक्ति गुरूंग, मे.ज ओ पी सौनी, मे.ज एम एल असवाल आदि ने अपने विचार रखे।

संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कार्यक्रम का संचालन किया। राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र बगासी सहित देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

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