नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाली टिप्पणी पर तंज कसते हुए उन्हें ‘एक बूढ़ा और अमीर विचार वाला खतरनाक व्यक्ति’ करार दिया।
डॉ . जयशंकर ने कहा कि जो व्यक्ति (सोरोस) भारत के 1.4 अरब लोगों की पसंद की परवाह नहीं करता है वह (सोरोस) यह तय करते हैं कि देश को कैसे चलाना चाहिए। सिडनी में रायसीना सिडनी डायलॉग में एक सवाल के जवाब में डॉ जयशंकर ने कहा,‘‘सोरोस जैसे लोग सोचते हैं कि चुनाव अच्छा है अगर हम जिस व्यक्ति को जीतते देखना चाहते हैं।
यदि चुनाव का कोई अलग परिणाम आता है, तो हम वास्तव में कहेंगे कि यह एक त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र है।’’ उन्होंने कहा,‘‘आपको यह समझना होगा कि इसका वास्तव में क्या मतलब है। मैं यह विचार कर सकता हूं कि सोरोस न्यूयॉर्क में बैठे एक पुराने अमीर व स्वच्छंद व्यक्ति हैं, जो अभी भी सोचते हैं कि उनके विचार यह निर्धारित करते हैं कि कैसे पूरी दुनिया काम करती है।
अब, अगर मैं अभी भी बूढ़े, अमीर और विचारों पर रुक सकता, तो मैं इसे दूर कर सकता था। लेकिन वह बूढ़ा है, अमीर है, विचारवान है और खतरनाक भी है।’’ उन्होंने कहा,‘‘वह वास्तव में क्या सोचते हैं , इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह लगभग 1.4 अरब लोगों का देश है जिसके मतदाता तय करते हैं कि देश को कैसे चलाना चाहिए।
वह वास्तव में सोचता है, ठीक है, आप जानते हैं और मैं उसे एक चरम उदाहरण के रूप में उद्धृत करता हूं, लेकिन विभिन्न देशों में इसकी अन्य अभिव्यक्तियां हैं जहां उसके जैसे लोग सोचते हैं कि चुनाव अच्छा है। अगर हम जिस व्यक्ति को जीतते देखना चाहते हैं, अगर चुनाव में उछाल आता है एक अलग परिणाम सामने आता है तो हम वास्तव में कहेंगे कि यह एक त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र है।
विदेश मंत्री ने कहा,‘‘हमारी पीढ़ी, हम शासन परिवर्तन जैसी अवधारणाओं के साथ बड़े हुए हैं जो संचालन को प्रभावित करते हैं। आप इसे जो चाहें कह सकते हैं, लेकिन मेरे लिए यह वास्तव में वैसा ही दिखता है, जिस पर किसी प्रकार के अच्छेपन की चमक होती है।
डा. जयशंकर ने कहा,‘‘मेरे लिए यह वास्तव में आवश्यक है कि हम आज लोकतंत्र पर एक गंभीर बातचीत करें। जब मैं अपने लोकतंत्र को देखता हूं, तो आज मेरे पास मतदान का अभूतपूर्व प्रतिशत है, चुनावी नतीजे जो निर्णायक हैं तथा चुनावी प्रक्रियाएं जिन पर सवाल नहीं उठाया जाता है।
हम वह देश नहीं हैं जहां चुनाव के बाद कोई अदालत में मध्यस्थता करने जाता है या जहां आप वास्तव में कहते हैं कि मैं मतदाताओं के फैसले पर फैसला सुनाऊंगा।’’ गौरतलब है कि म्यूनिख सम्मेलन में बोलते हुए, 92 वर्षीय जियोगे सोरोस ने कहा था कि शेयर बाजार में भारतीय व्यवसायी गौतम अडानी की हाल की समस्याएं ‘भारत में लोकतांत्रिक पुनरुद्धार’ को बढ़ावा देंगी और प्रधानमंत्री मोदी को ‘सवालों का जवाब देना होगा।’