घोषित होगी भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि
आठ क्विंटल फूलों से सजाया गया है शीतकालीन गद्दीस्थल को
ऊखीमठ। 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि घोषित होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। आज महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के धाम रवाना होने की तिथि पंचांग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों, बद्री केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों, अधिकारियों व हक- हकूकधारी की मौजूदगी में घोषित की जायेगी।
तिथि घोषित करने के लिये ओंकारेश्वर मन्दिर को 8 क्विंटल गेंदें के फूलों से सजाया गया है। मंदिर के पदाधिकारियों ने ऊखीमठ की ओर रूख कर दिया है। महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विगत वर्षों की भांति विभिन्न शहरों के दानियों द्वारा भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है तथा इस बार विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी को भी फूलों से भव्य रूप दिया जा रहा है तथा गुप्तकाशी में भी भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है।
जानकारी देते हुए मन्दिर समिति कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि आज महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी।
उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर विद्वान आचार्यों द्वारा ब्रह्म बेला पर भगवान शंकर सहित 33 कोटि देवी-देवताओं का महाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की जायेगी। उन्होंने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर को मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव बंसल के सहयोग से 8 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला, भोले जी महाराज व दिल्ली निवासी प्रेम रस्तोगी द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया जायेगा। प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुषाण ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर विभिन्न शहरों के दानियों द्वारा विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी को भी फूलों से सजाया गया है तथा वहां पर भी भण्डारे का आयोजन किया जायेगा।