नयी दिल्ली। आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि सरकार के समर्थन और प्रयास से पिछले सात वर्षाें में देश में आयुष उद्योग छह गुना बढ़ा है तथा जी 20 और एससीओ की अध्यक्षता में भारत वर्तमान में न्यूट्रास्यूटिकल्स के बारे में प्रचार करने के लिए आदर्श मंच होगा।
बी2बी इवेंट आयोजक इन्फोर्मा मार्केट इन इंडिया द्वारा वीटाफूड्स का पहला संस्करण आज से शुरू हो गया है, जो 17 फरवरी 2023 तक प्रगति मैदान में चलेगा। इसमें घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर के 150 से अधिक ब्रांडों के साथ 60 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं।
इसके शुभारंभ के मौके पर कोटेचा ने कहा,‘‘हम वीटाफूड्स इंडिया के पहले संस्करण के लॉन्च के लिए इन्फोर्मा मार्केट इन इंडिया को बधाई देना चाहते हैं, यह एक ऐसा कदम है देश और दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण हो सकता है।
स्वाभाविक रूप से विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक पौधों और जड़ी-बूटियों से समृद्ध, जब न्यूट्रास्यूटिकल्स की बात आती है तो भारत इस क्षेत्र में लाभदायक स्थिति में है। स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर भी हम हम पहले ही भारतीय उपभोक्ता के रुख में सकारात्मक परिवर्तन देख चुके हैं।
अब आवश्यकता है वैज्ञानिक उदाहरणों के साथ वास्तविक औषधीय की वकालत करना है और न्यूट्रास्यूटिकल्स का वैज्ञानिक महत्त्व की बात करना है। उन्होंने कहा कि सरकार के समर्थन और प्रयास से आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) उद्योग पिछले 7 वर्षों में 6 गुना बढ़ा है। इसके साथ ही घरेलू बाजार जीवंत है और आगे उद्योग में अधिक निर्यात देखने को मिल सकता है।
वीटाफूड्स यूरोप और एशिया में एक प्रमुख ब्रांड है। भारतीय बाजार के अनुसार वीटाफूड्स इंडिया विशेष रूप से महामारी के बाद देश में तेजी से बढ़ते न्यूट्रास्युटिकल बाजार को समर्थन करता है। इसके अलावा, भारत कच्चे माल की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण और आपूर्ति कर सकता है और इसके साथ ही बड़े पैमाने पर पूरक उत्पादों को तैयार कर सकता है।
भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उपचार से निवारक स्वास्थ्य सेवा में आए स्पष्ट बदलाव ने पहले ही इस तरह के उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि की है, और यह अब आगे भी जरी रहेगी। वीटाफूड्स इंडिया के लॉन्च पर इन्फोर्मा मार्केट के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में 2 प्रतिशत हिस्सेदारी और कंपनियों की सीमित भागीदारी के साथ, भारत के पास न्यूट्रास्यूटिकल्स क्षेत्र में बहुत बड़ा अवसर है।
स्वास्थ्य के देखभाल के सिद्धांत, प्राथमिक उपचार और बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए न्यूट्रास्यूटिकल्स पर जोर दिया गया, और यह महामारी के बाद और महत्वपूर्ण हो गया है। भारतीय आयुर्वेदिक उपचारों की समृद्ध विरासत और इसके 52 कृषि क्षेत्रों में उगाए गए प्रचुर मात्रा में पौधे और जड़ी-बूटियाँ न्यूट्रास्युटिकल नवाचारों के लिए अवसर प्रदान करते हैं।