अगरतला। त्रिपुरा में शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया।सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई थी। राज्य की 60 सीटों पर शाम 4 बजे तक वोट डाले गए। 60 सीटों के लिए अलग-अलग पार्टियों ने 259 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
सुबह में मतदान की धीमी शुरूआत के बाद भी दिन चढ़ने के साथ साथ मतदान की गति तेज होती चली गयी। अधिक मतदान की वजह से विरोधी पक्ष उत्साहित है जबकि भाजपा का दावा है कि वह पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं। इसके बीच ही यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार के चुनाव में स्थानीयता का मुद्दा सर चढ़कर बोल रहा है।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी जी किरणकुमार दीनाकर राव ने कहा कि इसकी सारी व्यवस्था ठीक ठाक रही है। और जिन 28 इलाकों को अत्यंत संवेदनशील माना गया था, वहां से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
पुलिस ने कहा कि विपक्षी दलों से अगरतला के रामनगर और खैरपुर निर्वाचन क्षेत्रों में हिंसा की कुछ छिटपुट शिकायतों को छोड़कर, पूरे उत्तर पूर्वी राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा। दक्षिण त्रिपुरा जिले के शांतिरबाजार निर्वाचन क्षेत्र में कलाचेरा मतदान केंद्र के बाहर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक समर्थक को उस समय पीटा गया जब वह मतदान केंद्र जा रहा था।
पुलिस ने कहा कि घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है। शहर के 10 मतदान केंद्रों का प्रबंधन सभी महिला मतदान अधिकारियों और महिला सुरक्षा कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उज्जयंत पैलेस के सामने महारानी तुलसीबाती एचएस स्कूल में अपना वोट डाला और दावा किया कि वह न केवल बारडोवाली सीट से बड़ी जीत हासिल करेंगे, बल्कि भाजपा भी एक आरामदायक बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी, क्योंकि लोगों ने इसे खारिज कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक और शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ के इशारे पर धनपुर और मोहनपुर में सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा का सहारा लिया और मतदाताओं को रोका। दोनों क्रमश: सीटों से भाजपा के उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने कॉलेज टीला में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा, भाजपा के उम्मीदवार पूरी ताकत से उतरेंगे और कांग्रेस-माकपा गठबंधन को चुनाव में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा।
सत्तारूढ़ भाजपा 55 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनावी मैदान में उतरी है, जबकि उसके गठबंधन सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है, क्योंकि अम्पीनगर में वह किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके। एक दूसरे के धुर विरोधी वाम मोर्चा और कांग्रेस ने इस चुनाव में गठबंधन किया है।
वाम मोर्चा के मुख्य घटक माकपा ने 43 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उसके अन्य सहयोगी भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी एक-एक सीट पर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस को 13 सीटें आवंटित की गई हैं। रामनगर में एलएफ और कांग्रेस दोनों एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतरे हैं। एक मशहूर अधिवक्ता एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता पुरुषोत्तम रे बर्मन को अपना समर्थन दे रहे हैं।
शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन के नेतृत्व वाले आदिवासी संगठन टिपरा मोथा ने 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारें हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राज्य में चुनावी दौड़ में 58 निर्दलीय और 20 महिला प्रत्याशी भी अपना भाग्य अजमा रही हैं। राज्य में शाम चार बजे तक मतदान होगा और चुनाव के नतीजे दो मार्च को आएंगे।