तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि दक्षिणी तुर्की में आए दो विनाशकारी भूकंपों से अब तक कम से कम 35,418 लोगों की जान जा चुकी है।
एर्दोगन ने कहा कि गत छह फरवरी को देश के दक्षिणी हिस्से में रिक्टर पैमाने पर 7.7 और 7.6 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप के झटके आये थे। भूकंप का केन्द्र कहरामनमारस और नौ अन्य प्रांतों हटे, गाजियांटेप, आदियमान, मालट्या, अदाना, दियारबकीर, किलिस, उस्मानिया, और सनलिउर्फा में था।
इस विनाशकारी भूकंप से 1.30 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि तुर्की के अलावा सीरिया और लेबनान सहित कई अन्य देश भी भूकंप के झटकों से प्रभावित हुए है। विनाशकारी भूकंप के दो झटकों के बाद भी अगले 10 घंटों में कई हल्के और मध्यम झटके महसूस किए गए थे।
राजधानी अंकारा में एक कैबिनेट बैठक के बाद श्रीएर्दोगन ने कहा कि भूकंप के झटकों में 13,208 घायलों का अभी भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। तुर्की के आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी ने एक बयान में कहा कि 2,49,000 से अधिक तलाशा एवं बचाव कर्मी बचाव अभियान में जुटे हुए है।
एएफएडी के अनुसार अभी तक भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से करीब 1,95,962 लोगों को निकाला गया है। तुर्की के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए दुनिया भर से शोक व्यक्त किया गया है और भारत सहित कई देशों ने बचाव दल और आवश्यक समाग्री भेजी है। तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका ने कहा कि भूकंप से प्रभावित कुल 15 बच्चों को व्यापक स्वास्थ्य जांच के लिए अंकारा के एक अस्पताल में लाया गया है।
उन्होंने कहा कि देश के विदेश मंत्रालय ने कल कहा कि 82 देशों के कुल 9,046 विदेशी कर्मचारी वर्तमान में आपदा क्षेत्र में बचाव अभियान में जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 100 देशों ने सहायता की पेशकश की है।
एएफएडी ने कहा कि बचाव दल के अलावा, कंबल, तंबू, भोजन और मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों के साथ-साथ उत्खनन, ट्रैक्टर और बुलडोजर सहित 12,300 से अधिक वाहनों को भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है।