आयुष चिकित्सकों के लिए केवाईसी अनिवार्य
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड केवाईसी की तर्ज पर करने जा रहा नई पहल
डॉक्टरों को अपने क्लीनिक के बाहर फ्रेम कर लगाना होगा रजिस्ट्रेशन
देहरादून । भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड आयुष चिकित्सकों के लिए केवाईसी की तर्ज पर केवाईसी यानी नो योर डॉक्टर (अपने डॉक्टर को जानो) अनिवार्य करेगा। इसमें सभी चिकित्सकों को अपने क्लीनिक के बाहर अपना रजिस्ट्रेशन फ्रेम कर लगाना होगा, ताकि कोई भी मरीज डॉक्टर व उनके पंजीकरण के बारे में जान सके। चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डा. जेएन नौटियाल ने यह जानकारी दी है।
कहा कि कई अप्रशिक्षित व्यक्ति बिना पंजीकरण के आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सा में प्रैक्टिस कर रहे है जो कि जो कि आपराधिक कृत्य है।इस समस्या से निपटने के लिए परिषद के सभी पंजीकृत चिकित्सकों को अपने क्लीनिक या अस्पताल में अपने पंजीकरण पत्र की स्कैन कॉपी अनिवार्य रूप से लगानी होगी ताकि मरीज अपने आयुष डॉक्टर के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सके।
परिषद में सभी पंजीकरण ऑनलाइन किए जा रहे हैं, इसलिए मरीज परिषद की वेबसाइट पर भी आयुष डॉक्टरों के पंजीकरण को चेक कर सकते हैं। डा. नौटियाल ने बताया कि वर्तमान समय में लोगो का आयुष व वेलनेस चिकित्सा में विश्वास बढ़ा है। आयुष के क्षेत्र में 23 फीसद वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है। इसलिए लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए आम नागरिकों को मानक चिकित्सा उपलब्ध करवाना पहली प्राथमिकता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसके निर्देश दिए हुए हैं।