देहरादून । उत्तराखंड के राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं (जीटीआई) में रिक्त व्याख्याता, कर्मशाला अनुदेशक व कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स पदों पर अब बा‘ स्रोत (आउटसोर्सिंग) से कार्मिकों की सेवाएं ली जाएंगी। इसके लिए सोमवार को राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसके अन्तर्गत, विभिन्न पॉलिटेक्निक संस्थाओं में व्याख्याता के 177, कार्यशाला अनुदेशक के 48 व कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स के 22 पदों पर शिक्षक और कार्मिक उपलब्ध हो जायेंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य की पॉलिटेक्निक संस्थाओं में विगत वर्षों की तुलना में प्रवेश क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, जबकि इस अनुपात में कार्मिकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। फलत: पॉलिटेक्निक संस्थाओं में शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है।
इसके तहत विकल्प के तौर पर विभिन्न पाठ्यक्रमों में यह व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य के पॉलिटेक्निक संस्थाओं में इस तात्कालिक व्यवस्था के लिए सरकार के नये कार्यकाल में प्रभावी तरीके से कार्यवाही कराई गई।
इसके तहत अब पॉलिटेक्निक संस्थाओं के ऐसे पदों पर शीघ्र पदधारक उपलब्ध हो सकेंगे। राज्य सरकार की मन्शा है कि पॉलिटेक्निक संस्थाओं की तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार हो।
इसके लिए संस्थाओं में अवस्थापकीय सुविधाएं यथा भवन निर्माण / पुर्ननिर्माण, डिजीटल लाइब्रेरी की स्थापना को प्राथमिकता दी गई है। राज्य की सभी पॉलिटेक्निक संस्थाओं को इन सुविधाओं से आच्छादित कराया जायेगा।