नयी दिल्ली । केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 18 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
पुरी ने कहा कि ईंधन के लिए आयात पर निर्भरता ज्यादा होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में भारी उछाल के बावजूद सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों की घरेलू कीमतों को यथासंभव कम रखने का प्रयास किया है ताकि उन पर बोझ न पड़े।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के अपने मंत्रालय के कामकाज से जुड़े अनुपूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि सरकार ने छह अप्रैल 2022 से डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए हैं,और गैस की कीमतों में भी ज्यादा वृद्धि नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत गरीब परिवारों को विशेष राहत दी गई है और गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले परिवार पहले की तुलना में अब अधिक सिलिंडर खरीद रहे हैं।
पुरी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में भारत में गैस का उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़ा था और इस साल भी इसके उत्पादन में 18 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत गैस के लिए 60 प्रतिशत या उससे अधिक आयात पर निर्भर है।
सऊदी अरब की गैस की मानक कीमत पिछले दो वर्ष में 250 डालर प्रति टन से बढ़कर 900 डालर प्रति टन तक पहुंच गई थी। इस समय भी कीमतें 751 डालर प्रति टन के स्तर पर हैं। उन्होंने कहा यदि आप इसकी तुलना घरेलू उत्पादों के दामों में की गई वृद्धि से करें तो हम उपभोक्ताओं की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होने पर हम कीमतों में कमी कर सकते हैं। पुरी ने उम्मीद जतायी कि अगले दो-तीन वर्ष में हम इस स्थिति से बाहर हो चुके होंगे। हम घरेलू और बाहरी स्रोतों से गैस की आपूर्ति बढ़ा सकेंगे और आपूर्ति में सुधार होगा।
उन्होंने बताया कि उज्जवला योजना के अंतर्गत आठ करोड़ से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं। सदस्यों ने शिकायत की थी कि सिलेंडर के दाम बढ़ने से गैस सब्सिडी का कोई मायने नहीं रह गया है और गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनकी एक तिहाई आय रसोई के ईंधन पर खर्च हो रही है।