नैनीताल। उत्तराखंड में नैनीताल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) रमेश सिंह ने कुमाऊं के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) डा. नीलेश आनंद भरणे को लालकुंआ कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के निर्देश दिये हैं।
मामले के अनुसार अफ्रीका के नागरिक करीम कोन हाल निवासी दिल्ली को लालकुआं पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में सन् 2021 में गिरफ्तार किया था जिसमें आरोपी को सजा हो चुकी है।
अभियुक्त ने न्यायालय को बताया कि गिरफ्तारी के समय लालकुंआ कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक कृपाल सिंह द्वारा उसकी घड़ी एवं 9300 रुपये की धनराशि अपने पास रख ली गयी। जो उसे उपलब्ध नहीं कराई गई।
लगभग नौ महीने बाद जब साक्ष्य के लिए मामला न्यायालय में आया तो एसआई कृपाल सिंह भी अदालत में पेश हुआ और उस दिन उसने वही घड़ी पहनी थी।
जब अभियुक्त ने एसआई से घड़ी के बारे में जानकारी ली तो वह बात को टाल गया। इसके बाद करीम कोन के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से रिपोर्ट तलब की लेकिन एसएसपी ने कृपाल सिंह के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि से इन्कार कर दिया तो करीम कोन ने इसका विरोध किया और अदालत से मामले की पुन: जांच की मांग की।
अदालत ने इस प्रकरण को गंभीर मानते हुए आईजी कुमाऊं को सक्षम अधिकारी से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के आदेश जारी किये हैं।