सरकारी योजनाओं का मकसद समाज का स्वालंबन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की योजनाएं वोट बैंक के लिए नहीं बल्कि समाज को स्वावलंबी बनाने के लिये होती हैं। भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये  योगी ने कहा कि समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रदेश में कई तरह की योजनाएं चला रही है।

सरकार ने ऐसी कई स्कीम प्रारंभ की है जो छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर सकती है। बालिकाओं के लिए प्रदेश के अंदर कन्या सुमंगला योजना चालू की गई है। बालिका के जन्म लेने के समय यदि उसका रजिस्ट्रेशन हो गया तो उसके नाम पर उसके परिवार के पास सरकार की तरफ से एक निश्चित राशि पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि अक्सर बालक और बालिकाओं के बीच में भेद किया जाता है, बालिका के साथ भेदभाव ना हो इसके लिए हमने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया।

इसके माध्यम से एक साल में सभी प्रकार के टीके बालिकाओं को लगे यह सुनिश्चित किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालक और बालिकाओं के लिए हमने अभ्युदय कोचिंग का शुभारंभ किया, जिससे बच्चों को फिजिकली और वर्चुअली फ्री में कोचिंग मिल रही है, जिसमें हमारे कम्पटीशन से निकले योग्य अभ्यर्थी पढ़ रहे हैं। इस बार यूपी लोकसेवा आयोग में 43 बच्चे ऐसे थे, जो अभ्युदय से जुड़े थे और उनका चयन हुआ। हम गरीब बच्चों को टेबलेट और स्मार्टफोन भी दे रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों और समाज को जागरूक होना होगा। यूपी में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं, हमें युवाओं को तैयार करना है।

एमएसएमई यूपी का सबसे बड़ा बेस रखता है, यूपी के निर्यात को शासन ने थोड़ा प्रोत्साहन दिया और आज वह फिर से चलने लग गया और अब 1.60 लाख करोड़ रुपए का सालाना निर्यात यूपी से हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्किल मिशन का चतुर्थ चरण प्रारम्भ होने जा रहा है, हमें अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करना होगा। सारी योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अनिवार्य है ताकि डिग्री लेने के बाद युवाओं को यहां वहां भटकना ना पड़े।

योगी ने कहा कि भारत की परम्परा सदैव स्वावलंबन की रही है। इसके पीछे यहां का समाज रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की बात वास्तविकता है। पहले हमारे गांव और समाज आत्मनिर्भर थे। शासन पर उनकी निर्भरता न्यूनतम थी, जब समाज आगे चलेगा और सरकार उसके पीछे होगी तो समाज आत्मनिर्भर और स्वावलंबी होगा। वहीं जब सरकार आगे और समाज पीछे होगा तो समाज परावलंबी बनेगा। सरकार से हर चीज के लिए उम्मीद करेगा।

उन्होंने कहा कि गुलामी के कालखंड में हमारे गौरव के बोध को समाप्त करने के प्रयास किए गए। यही कारण थे कि हमारे बड़े-बड़े आस्था और शिक्षण के केंद्र तोड़े गए। भारतीय समाज खुद पर गौरव की अनुभूति न कर सके इसके लिए हमारे स्वाभिमान को कुचला गया। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव पहला ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जिसे पूरे देश ने मनाया और उसके साथ जुड़ा।

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