प्रयागराज। माघी पूर्णिमा पर त्रिवेणी संगम में 20 लाख श्रद्धालुओं ने पुण्यकाल में आस्था की डुबकी लगाकर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक करीब 20 श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य फल प्राप्त किया।
माह भर की साधना संयम, श्रद्धा और कायाशोधन का कल्पवास के बाद कल्पवासी स्रान के बाद मां गंगा से अगले वर्ष वापस आने का अनुनय विनय के बाद बिदा ले रहे हैं।
कल्पवास पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघी पूर्णिमा के साथ संपन्न होती है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर भोर से श्रद्धालुओं का हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से पूरा मेला गुंजायमान रहा।
पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शनिवार की रात संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। माघ मेले के पांचवें स्रान पर्व पर हर तरफ से रेला उमड़ पड़ा। संगम समेत गंगा के घाटों पर आधी रात के बाद से ही डुबकी लगने लगे। आखिरी डुबकी लगाने के साथ ही कल्पवासी विदा होने लगे। काली घाट, राम घाट, ओल्ड जीटी, महावीर घाट के अलावा संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।
देर रात लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच चुके थे। इसी के साथ डुबकी भी लगने लगी। भोर में कल्पवासियों समेत श्रद्धालुओं का रेला निकलने लगा। इससे पहले त्रिवेणी, काली मार्ग के अलावा सभी पांटून पुलों पर आस्थावानों की लंबी कतारें लग गईं।
ज्यातिषियों के अनुसार माघी पूर्णिमा शनिवार की रात 9.30 बजे ही लग गई थी। रविवार की रात 11:58 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। ऐसे में उदया तिथि में रविवार को ही माघी पूर्णिमा स्रान की मान्यता है। इस बार माघी पूर्णिमा पुष्य नक्षत्र में आरंभ हो रही है। रविवार को दिन में 10:45 से 12:12 बजे तक रवि पुष्य योग है।
ऐसे में आयुष्मान , सौभाग्य और सर्वार्थ सिद्धि योग से युक्त माघी पूर्णिमा में पुण्य की डुबकी हर कामनाओं को पूर्ण करने वाली है। माघी पूर्णिमा पर माघ मेले के साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था को भी सुचारू बनाए रखने के इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत मेले से कल्पवासियों की वापसी के लिए भी प्रबंध किए गए हैं।
विभिन्न दिशाओं की ओर जाने वाले कल्पवासियों के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। कानपुर, लखनऊ और रीवा की तरफ जाने वाले कल्पवासियों को पांटून पुल नंबर चार से गंगा भवन तिराहा, दारागंज होते हुए मेला क्षेत्र से बाहर भेजा जाएगा। इसी तरह वाराणसी, जौनपुर की तरफ जाने वाले कल्पवासी काली सड़क, टीकरमाफी आश्रम से जाएंगे।
इसके अलावा पुल नंबर दो से भी त्रिवेणी मार्ग, फोर्ट रोड चौराहे होते हुए नगर क्षेत्र से कल्पवासियों को बाहर भेजने की व्यवस्था की गयी है। माघ मेला पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र ने बताया कि मकर संक्रांति स्रान पर्व पर देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।