विकसित जिला बनने की ओर अग्रसर है सिद्धार्थनगर : योगी

सिद्धार्थनगर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कहा कि आकाक्षात्मक जिले की श्रेणी से बाहर निकल कर सिद्धार्थनगर आज विकसित जिला बनने की ओर अग्रसर है।

जिला खेल स्टेडियम में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाएं इसका प्रमाण हैं।

विकास के लिए किये जा रहे सामूहिक प्रयासों के सार्थक परिणाम भी उसी रूप में सामने आने लगे हैं, जिस भाव के साथ ये जिला अपनी पहचान वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहा है, वो सराहनीय है। कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने मुख्यमंत्री के सामने शौर्यकलाओं का प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और प्रदेश के समग्र विकास को आगे बढ़ाना है तो हमें खेलकूद प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहित करना होगा, क्योंकि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है और स्वस्थ मस्तिष्क वाला व्यक्ति ही योग्य छात्र और नागरिक बनकर देश के विकास में योगदान दे सकता है।

उन्होंने खेल महाकुंभ के दौरान विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में सहभाग करने वाले खिलाड़यिों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की ओर से छात्रा छात्राओं और प्रतिभाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सांसद खेलकूद महाकुंभ का आयोजन ब्लॉक और जनपद स्तर पर पूरी भव्यता के साथ किया गया है।

इसके लिए पूरी टीम सराहना की पात्र है। यहां भीषण शीतलहरी के बावजूद बच्चों के उत्साह ने सांसद जगदम्बिका पाल को भी एक युवा के रूप में आप सबके सामने प्रस्तुत किया है। श्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में खेलो इंडिया खेलो के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद सांसद खेल कूद प्रतिस्पर्धा जिस उत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ी वह अत्यंत सराहनीय है।

ये प्रतियोगताएं अब केवल जिला स्तर पर ही नहीं, बल्कि कमिश्नरी और राज्य स्तर पर भी आगे बढ़ाई जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन को गांव, गरीब, किसान और नौजवानों तक पहुंचाना प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। आज गांवों में ओपन जिम का निर्माण हो रहा है। गांव में अमृत सरोवरों को मॉर्निंग वॉक और गोष्ठियों के लिए तैयार किया जा रहा है। हर जनपद में एक खेल स्टेडियम और ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम का निर्माण हो रहा है।

खेलों को प्रोत्साहित करने का सुखद परिणाम हमें टोकिया ओलम्पिक के दौरान देखने को मिला। कोरोना काल में संपन्न हुए टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़यिों ने अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक मेडल जीते थे। राज्य सरकार ने भी प्रदेश के खिलाड़यिों को इसके लिए अच्छी से अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य किया था। प्रदेश के जिन खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलम्पिक में प्रतिभाग किया उन्हें दस-दस लाख रुपए, गोल्ड मेडल जीतने वालों को छह करोड़ रुपए, रजत पदक पर चार करोड़ और कांस्य पदक पर दो करोड़ की राशि प्रदेश सरकार की ओर उपलब्ध कराई गयी।

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