गुजरात के मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की।

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति बिंदल के नाम की सिफारिश करने की मंजूरी दी , हालांकि न्यायमूर्ति कुमार के नाम पर कॉलेजियम के सदस्य न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ ने कहा कि उनके नाम पर बाद में विचार किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ, न्यायमूर्ति एम. आर. शाह, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की कॉलेजियम ने दो नामों की सिफारिश करते हुए ( एक बयान में) कहा, ‘‘योग्य मुख्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के वरिष्ठ न्यायाधीशों की योग्यता, सत्यनिष्ठा और क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और विचारों की बहुलता को समायोजित करने के बाद कॉलेजियम ने दो व्यक्तियों को शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीश बनाने के लिए सर्वाधिक योग्य और उपयुक्त पाया है।

न्यायमूर्ति बिंदल को 22 मार्च 2006 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 11 अक्टूबर 2021 को पदोन्नत कर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति कुमार को 26 जून 2009 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में और सात दिसंबर 2012 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

उन्हें 13 अक्टूबर 2021 को गुजरात उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। कॉलेजियम ने यह सिफारिश ऐसे समय की है, जब केंद्र सरकार ने 13 दिसंबर 2022 को शीर्ष अदालत में पांच न्यायाधीशों की पदोन्नति के लिए की गई पिछली सिफारिशों को अभी तक मंजूरी नहीं दी है। शीर्ष अदालत अपने निर्धारित 34 न्यायाधीशों के मुकाबले 27 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है।

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