शिमला। हिमाचल प्रदेश के उंचे इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई है। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, बारालाचा सहित सीबी रेंज की पहाड़ियों में भारी बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद समूचा हिमाचल शीतलहर की चपेट में आ गया है। इन इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बढ गया है।
प्रदेश के चंबा और लाहौल-स्पीति में जनजीवन प्रभावित हो गया है। प्रशासन ने लोगों व सैलानियों से हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए बर्फीले इलाकों की ओर नहीं जाने की हिदायत दी है। वहीं शिमला जिले में कुफरी, नारकंडा, खडापत्थर और कुपवी में बर्फबारी हो रही है।
जनता को भारी दिक्कत का सामना करना पड रहा है। गत दिनों हुई बर्फबारी से चार नेशनल हाईवे सहित 168 सड़कें यातायत के लिए अवरुद्ध है। इनमें लाहौल-स्पीति जिला में सबसे अधिक 140 सडकें बंद है। कुल्लू जिला में सात, शिमला जिला में छह और कांगड़ा जिला में दो सड़कों पर आवाजाही ठप है। सड़कों के अवरुद्ध होने से लोगों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
बर्फबारी से हिमाचल के 138 बिजली ट्रांसफार्मर पिछले पांच दिन से बंद पड़े हैं। लाहौल-स्पीति में पांच बिजली ट्रांसफार्मर खराब होने से कई क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया है। लाहौल-स्पीति में दो पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। ट्रांसफार्मर ठप होने से अधिक ऊंचे क्षेत्रों में सैकड़ों परिवारों की रातें अंधेरे में बीत रही हैं। चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में हुई भारी बारिश और बर्फबारी से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
बर्फबारी के बाद सबसे ज्यादा असर तीसा, पांगी, भरमौर और सलूनी के इलाकों में देखने को मिला है। इन इलाकों में तीन सौ के करीब सड़कें बंद हो गई। अभी भी 50 सड़कें बंद है, बाकी सड़कों को खुलवा दिया गया है। बिजली विभाग के भी 700 के करीब ट्रांसफार्मर ठप पड़ गए थे। जिनमे से 400 के करीब रिस्टोर कर दिए हैं जबकि बाकी को रिस्टोर किया जा रहा है।
चंबा जिला प्रशासन डीसी दुनी चंद राणा ने बताया कि वह स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हर जगह की अपडेट ली जा रही है। सर्दियों के मौसम में जिस तरह के हालात पैदा हुए है उससे कहीं ना कहीं दिक्कतें बढ़ी है। बर्फबारी से एवलांच गिरने का भी खतरा बना हुआ है ऐसे में लोगों को एतिहात बरतने की सलाह दी गई है।