पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण राज्यों की विकास योजना प्रभावित होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि इससे पहले इतनी दखलअंदाजी कभी नहीं होती थी ।
कुमार ने अनुग्रह नारायण महाविद्यालय परिसर में स्व. सत्येंद्र नारायण सिन्हा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया तथा पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं के केंद्रीय बजट से उनकी उम्मीद के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वह शुरू से ही मांग कर रहे हैं लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला।
हमलोग तो अपने स्तर से प्रयास कर ही रहे हैं। केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि हर राज्य का और देश का विकास हो। बिहार का विकास करना चाहते हैं तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी सरकार विकास का और ज्यादा काम करवाना चाहती है।
विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल पा रहा है तो विकास कार्यों के लिए हमलोग कर्ज लेना चाहते हैं, उस पर भी रोक लगाये हुए हैं। इसका मतलब है कि जो गरीब राज्य है वह कर्ज भी नहीं ले सकता है, फिर आगे वह कैसे बढ़ेगा। ये लोग कौन काम कर रहे हैं। इसके पहले केंद्र सरकार आज तक इतना हस्तक्षेप नहीं करती थी।
हमलोग बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। केंद्रीय बजट से क्या मिलेगा वो तो समय आने पर पता चलेगा। हमलोगों के पास जो भी संसाधन है उसके आधार पर जो भी संभव होता है वो कर रहे हैं।
श्री कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग होने के बाद समस्या उत्पन्न होने के सवाल पर कहा कि वह क्या दिक्कत करेंगे वह तो अपने लिए कर रहे हैं। उनको गरीब राज्यों को मदद नहीं करना है तो नहीं कर रहे हैं। साथ में थे तब भी नहीं कर रहे थे। वे अपना प्रचार करते रहेंगे लेकिन इससे कुछ फायदा होने वाला नहीं है।
हम तो लोगों के बीच जा रहे हैं। हम जहां जाते हैं वहां लोगों से मिल रहे हैं। सब लोग खुश दिखाई दे रहे हैं। गरीब-गुरबा के लिए काफी काम हुआ है। जीविका दीदियां भी अच्छा काम कर रही हैं। हम सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं और जहां जरूरत है वहां काम किया जाएगा। मैं केवल गांव और शहर की बात नहीं कर रहा हूं।