चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी विभागों को विभिन्न विकासात्मक क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर प्रगतिशील योजनाएं बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये हैं ताकि वर्ष 2047 तक अग्रणी, आधुनिक, आत्मनिर्भर एवं पूर्ण रूप से विकसित हरियाणा की दिशा में कारगर कदम उठाए जा सकें।
खट्टर लर्निंग्स फ्रॉम दी सेकंड नेशनल सीएस कांफ्रेस की अध्यक्षता कर रहे थे। इसमें उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृहमंत्री अनिल विज, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल, स्थानीय शहरी निकाय मंत्री डा कमल गुप्ता, विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा, श्रम मंत्री अनूप धानक, प्रिटिंग एंड स्टेशनरी मंत्री संदीप सिंह भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि हर विभाग ऐसी योजनाएं बनाकर उनकी हर माह समीक्षा करें और उनका सतही स्तर तक सही क्रियान्वयन करें ताकि हर व्यक्ति को उनका भरपूर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों का हर प्रकार की बीमारी का उपचार करने के लिए एक पोर्टल बनाया जाए और इसे परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा जाए।
इसके अलावा गरीब युवाओं को ऋण देने के लिए मुद्रा, स्टैंडअप आदि वितिय योजनाओं के साथ लिंक करवाकर मुख्यमंत्री परिवार अंत्योदय उत्थान योजना से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन तथा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग खंड स्तर पर क्लस्टर विकसित करें और रोजगार के अवसर पैदार करने पर ध्यान केंद्रित रखें।
टेक्सटाइल पार्क विकसित कर और उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए योजना तैयार करें। इसके अलावा राज्य में इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की आटो अपील प्रणाली एवं शिकायत निवारण व्यवस्था को बेहतर माना है। इससे पहले भी सरकार की कई योजनाओं की सराहना की गई है। एक खंड एक उत्पाद योजना राज्य के 45 खंडों में स्वीकृत की जा चुकी है।
पदमा योजना के तहत 143 खण्डों में 10 हजार उद्योग लगाए जा रहे है। राज्य में गीले और सूखे कचरे के जैविक प्रबंधन के लिए रोडमेप तैयार किया जा रहा है जिसके तहत कचरे को अलग अलग करके प्रोसेंसिंग इकाईयां लगाई जाएंगी। पंचकूला, रोहतक में तीन बायो सीएनजी प्लांट लगाए जा रहे हैैं।
उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जन्म से छह वर्ष आयु के बच्चों की हर प्रकार की जानकारी एकत्रित की जाए। इसके अलावा छह से 18 वर्ष आयु के बच्चों की स्कूल शिक्षा, 18 से 25 वर्ष आयु के युवाओं की उच्चतर शिक्षा एवं 25 से 60 साल तक आयु के लोगों के लिए रोजगार विभाग द्वारा अलग अलग रूपरेखा तैयार की जाए। इसी प्रकार ई उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2058 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए गए हैं।
महिलाओं को सशक्त करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कौशल वृद्वि के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाए जा रहे है। इनमें उच्च स्तर के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी।