पुणे। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार को यहां कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञों के आगे आने से एक सक्षम शिक्षा प्रणाली तैयार की जा सकती है, जो भविष्य की नई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सके।
राज्यपाल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए संचार व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताया। राज्यपाल पुणे में हायर एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘नीति निर्धारण और भारत में उच्च शिक्षा में परिवर्तन’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में डॉ. विश्वनाथ कराड, सुरेश गरीमाला, एमआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री संजय ढांडे, सर्वश्री सतीश त्रिपाठी, पंकज मित्तल, प्रदीप खोसला, डॉ. राहुल कराड और डॉ. आर एम चिटनिस मौजूद थे।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘दुनिया में मानव जाति को आपसी सहयोग की जरूरत है। नई शिक्षा नीति के अनुसार भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए अवसर है, इसका उपयोग देश के विश्वविद्यालय करेंगे। भारत के पास दुनिया को देने के लिए भारतीय मूल्यों के साथ कई तरह का ज्ञान भी है। इसलिए, शैक्षिक आदान-प्रदान सभी के लिए फायदेमंद होगा।
उन्होंने कहा कि अच्छे नागरिक बनाने के लिए अच्छी शिक्षा भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से उच्च शिक्षा के बारे में सोचते हुए लक्ष्य निर्धारित करना होगा और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रास्ते खोजने होंगे। ऐसे में यह कार्यशाला उपयोगी हो सकती है। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों से शिक्षा क्षेत्र की प्रगति के लिए समर्पित भाव से आगे आने की अपील की।
वहीं, इस मौके पर डॉ. कराड ने कहा कि भारत और अमेरिका के साथ-साथ वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में अनुकूल बदलाव के बारे में सोचने के लिए एक मंच बनाया जाना चाहिए। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ भारत द्वारा दुनिया को दिया गया विचार है। शिक्षाविद् कराड ने कहा कि शांतिपूर्ण वैश्विक समाज के निर्माण के लिए हमें मिलकर सोचना होगा।