नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई को उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म के एक विवादित पोस्टर के मामले में अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई फरवरी के तीसरे हफ्ते तक उनकी गिरफ्तारी एवं नई प्राथमिकी दर्ज करने पर रोक लगाने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने हिंदू देवी काली को सिगरेट पीते हुए दिखाने के कथित मामले में मणिमेकलाई के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों में गिरफ्तारी एवं खिलाफ भविष्य दर्ज होने वाली प्राथमिकियों पर अंतरिम रोक लगा दी।
पीठ ने मणिमेकलाई द्वारा दायर एक रिट याचिका पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।याचिका में फिल्म निर्माता के खिलाफ विभिन्न राज्यों में उनकी डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर को लेकर दर्ज सभी प्राथमिकियों को रद्द करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने मणिमेकलाई का पक्ष रखते हुए कहा कि कई प्राथमिकी दर्ज किए जाने के कारण उन (मणिमेकलाई) पर कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि फि
ल्म निर्माता का इरादा धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं है। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता कनाडा के एक विश्वविद्यालय में स्रातक का विद्यार्थी है। पीठ ने कहा, अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों या फरवरी के तीसरे सप्ताह तक दर्ज किए जाने वाले किसी भी मामले में कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।