देहरादून। अचानक मौसम बदलने के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई है। हिमपात से सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला हुआ है जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बद्रीनाथ, औली व गोरसों सहित चमोली जिले के ऊंचाई वाले गांवों में हिमपात जारी है। चमोली जिले के 30 से अधिक गांव बर्फबारी से प्रभावित हैं। निजमुला घाटी के इराणी गांव में घर बर्फ से लकदक हो गये हैं।
दशोली के पाणा ईरानी गांव में जमकर बर्फबारी हुई जिसके बाद चारो ओर का दृश्य सफेद हो गया है। हालांकि गांव में सीजन की पहली बर्फवारी है और लोग बर्फवारी का लुत्फ उठा रहे है लेकिन धीरे-धीरे बर्फवारी से हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
ग्रामीण कहते हैं कि बर्फवारी एक नियत प्रक्रिया है और हर वर्ष जनवरी फरवरी में बर्फवारी होती है जो काश्तकारी भूमि को लाभदायक साबित होती है और प्राकृतिक जल स्रोतों के लिए भी संजीवनी के रूप में पुनर्जीवित करती है।
बर्फबारी एवं बारिश के कारण सबसे अधिक परेशानी भू धसांव प्रभावित जोशीमठ के उन लोगों के सामने आयी है जो राहत शिविरों में रह रहे है। सरकार ने उन्हें कक्ष, बिस्तर , ब्लोअर एवं हीटर आदि उपलब्ध कराये हैं। बर्फवारी के नाम से ही आज जोशीमठ के आपदा पीड़ितों को डर लगने लगा है। जिस जोशीमठ में शीतकाल में हजारों पर्यटक आते जाते थे वहां का पर्यटन व्यवसाय चरम पर रहता था।
पर्यटक औली रोपवे ओर ढलानों की खूबसूरती का मजा लेते थे लेकिन आज हर आपदा प्रभवित इंद्र देव से यही प्रार्थना कर रहा है कि इस बार न बरसो क्योकि इस बार उनके घर और होटल सब खतरे की जद में हैं।
वही उत्तरकाशी में भी देर रात से शुरू बारिश के बाद आज सुबह से ऊंचाई वाले इलाकों सहित जिला मुख्यालय से लगी पहाड़ियों पर हो रही बर्फबारी से एक बार फिर पहाड़ियां सफेद चादर से ढक गई हैं। जिले के अधिकतम हिस्से में बारिश या पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है।